कक्षा आठवीं
प्रकल्प:-
भारतवर्ष में छह ऋतु में पाई जाती हैं आप उन छह ऋतु के नाम ,उनकी जानकारी
एवं उनका महत्व चित्र सहित लिखिए। प्रत्येक ऋतु की जानकारी एवं उनका चित्र
सहित वर्णन10-10 वाक्यों में दिया जाए।
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Answer:
वो छह रीतू ह ।
1 : बसंत ऋतु
2:ग्रीष्म ऋतु
3:वर्ष ऋतु
4:शरद ऋतु
5:हेमंत ऋतु
6:सहित ऋतु
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भारतवर्ष में छह ऋतुयें पाई जाती हैं, जिनके नाम इस प्रकार हैं...
- बसंत ऋतु
- ग्रीष्म ऋतु
- वर्षा ऋतु
- शरद ऋतु
- हेमंत ऋतु
- शिशिर ऋतु
बसंत ऋतु : बसंत ऋतु को सभी ऋतुओं की रानी कहा जाता है। इस ऋतु का काल हिंदी मास में चैत्र और वैशाख (मार्च से अप्रैल) के बीच पड़ता है। इस ऋतु में प्राकृतिक सौंदर्य देखते ही बनता है। चारों तरफ हरियाली की बहार छाई हुई होती है। रंग-बिरंगे फूल खिले हुए होते हैं। वातावरण बेहद प्रफुल्लित और मन को मोह लेने वाला होता है।
ग्रीष्म ऋतु : वसंत ऋतु के बाद ग्रीष्म ऋतु का आगमन होता है। इस ऋतु का काल हिंदी मास के अनुसार जेष्ठ से आषाण (मई से जून) के बीच होता है। इस ऋतु में सूर्य उत्तरायण की ओर बढ़ता रहता है और गर्मी का प्रकोप होता है। चारों तरफ उमस छाई हुई होती है। सूर्य अपने प्रचंड स्वरूप में होता है।
वर्षा ऋतु : ग्रीष्म ऋतु के प्रकोप के बाद वर्षा ऋतु का आगमन होता है। जो ग्रीष्म ऋतु त्रस्त हुए जीवो को एक राहत देती है। वर्षा ऋतु का काल हिंदी मास श्रावण से भादप्रद (जुलाई से अगस्त) के मध्य होता है। यह ऋतु जीवनदायिनी ऋतु है। यह एक नया जीवन लेकर आती है। पानी के बिना जीवन संभव नहीं है। वर्षा ऋतु से नदी, तालाब, पोखर सब भर जाते हैं। कृषि को नया जीवन मिलता है।
शरद ऋतु : वर्षा ऋतु के बाद शरद ऋतु आती है। इस ऋतु का काल हिंदी मास में आश्विन और कार्तिक मास (सितंबर से अक्टूबर) के बीच का रहता है। वर्षा ऋतु उस समय समाप्ति हो गई होती है और हल्की ठंड का आगमन हो चुका होता है। इस समय का मौसम न ज्यादा गर्मी ना ज्यादा ठंडी वाला होता है।
हेमंत ऋतु : यह ऋतु हिंदी मास के अनुसार मार्गशीर्ष और पौष मास (नवंबर और दिसंबर) के बीच पड़ती है। इस ऋतु में ठंड का आगमन पूर्ण रूप से हो चुका होता है और ठंड अपने प्रचंड स्वरूप में आ चुकी होती है।
शिशिर ऋतु : यह ऋतु हिंदी मास माघ और फाल्गुन (जनवरी और फरवरी) के बीच पड़ती है। यह मौसम पतझड़ का मौसम होता है अर्थात समय प्रकृति निवृत्ति की ओर होती है और पेड़ों के पत्ते झड़ने लगते हैं, ताकि नए पत्ते आ सकें। ठंड भी अपने ढलान की ओर होती है और बसंत ऋतु के आगमन की तैयारी हो रही होती हैं।
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