कक्षा में नियमित रूप से उपस्थित रहने के लिए अध्यापक और अभिभावक में विवाद please answer it till tomorrow i will mark as brainliest
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kaksha main Mein Shuru se upsthit Rahane ke liye and Dipika ham log ko padhaati hain aur ham log bilkul bhi padhne ki koshish nahin kar paate Hain Baki bache bahut Shaitan Hote Hain
यह इकाई किस बारे में है
बच्चे स्कूल की शुरुआत अपने घर में और सुमदाय में दूसरों के संपर्क से प्राप्त विचारों, भाषाओं, ज्ञान, कौशलों और अवधारणाओं के साथ करते हैं। बच्चे जब उनके सतत विकास के लिए मुख्य संसाधनों के रूप में उनकी भाषायी और सांस्कृतिक क्षमताओं की पहचान कर लेते हैं, तो स्कूल में उनकी औपचारिक शिक्षा और भी ज्यादा प्रभावी हो जाएगी।
इस इकाई में आप अपने भाषा और साक्षरता अध्यापन में छात्रों के घर और समुदाय के अनुभवों के महत्व और उपयोग के तरीकों को जानेंगे।
आप इस इकाई में क्या सीख सकते हैं
अपने छात्रों के बारे में ज्यादा जानने के मौके अपनी कक्षा की दिनचर्या में किस तरह शामिल करें।
किस तरह ऐसे भाषा–पाठों की योजना बनाएँ, जिनमें आपके छात्रों के स्कूल-से-बाहर के अनुभवों का उपयोग हो सके।
यह दृष्टिकोण क्यों महत्वपूर्ण है
छात्र अपना अधिकांश समय घर और समुदाय में अनौपचारिक रूप से सीखने में लगाते हैं। हालांकि, पाठ्यपुस्तक को ही निर्देशों का मुख्य मानने की प्रवृत्ति का अर्थ यह है कि छात्र जिस कौशल, ज्ञान और अनुभवों के साथ कक्षा में आते हैं, शिक्षक उन्हें अनदेखा कर सकते हैं।
छोटे बच्चे जब पहली बार स्कूल आते हैं, तो जिन अपरिचित लोगों, दिनचर्या और भाषा से उनका सामना होता है, उससे वे अचंभित हो सकते हैं। आपने छात्रों के ज्ञात सांस्कृतिक अभ्यासों और भाषाओं की विविधता को महत्व देकर, आप उन्हें इस नए माहौल में ज्यादा सुरक्षित महसूस करा सकते हैं।
बच्चों को हर दिन घर-आधारित शिक्षा और स्कूल-आधारित शिक्षा के बीच एक पुल पार करना पड़ता है। इस परिवर्तन को सरल बनाने के लिए इस इकाई में सुझाव दिए गए हैं, जिनसे शिक्षकों और छात्रों दोनों को समान रूप से लाभ होगा।
1 स्कूल से बाहर छात्रों की शिक्षा
विचार के लिए रुकें
आप किन कौशलों और ज्ञान के बारे में सोच सकते हैं, जो आपके छात्रों ने स्कूल से बाहर सीखे हैं?
क्या आपको लगता है कि आपके छात्रों के घर या समुदाय की भाषा और सांस्कृतिक ज्ञान उनकी स्कूली शिक्षा में उपयोगी है? क्यों या क्यों नहीं?
स्थिति अध्ययन 1 में, एक शिक्षिका एक प्री-स्कूल छात्र के शिक्षण अनुभवों के बारे में जानकारी लेती हैं।
केस स्टडी 1: श्रीमती भट्टी एक प्री-स्कूल छात्र के ज्ञान और कौशल के बारे में बताती हैं
भोपाल की एक प्राथमिक शिक्षिका श्रीमती भट्टी ने उनकी कक्षा दो के छात्रों में से एक के अभिभावक की दुकान से एक बाउल खरीदने के उनके अनुभव का वर्णन किया है। वहाँ उनकी मुलाक़ात उनके छात्र की चार-वर्षीय बहन शिल्पी से हुई, जिसने अभी स्कूल जाना शुरू नहीं किया है।
शिल्पी फर्श पर कार्डबोर्ड के एक बक्से की बगल में बैठी हुई थी। वह पैकेट निकालकर उन्हें गिन रही थी और उनके ढेर बना रही थी। उसके पिताजी एक ग्राहक से बात कर रहे थे। मैंने शिल्पी से पूछा, ‘क्या तुम बाउल (कटोरा) बेचती हो?’ उसने अपनी माँ को बुलाया, जो कि दुकान के पीछे की तरफ से आईं। एक कोने की तरफ इशारा करते हुए, उसकी माँ ने बच्ची की घर की भाषा में उत्तर दिया, लेकिन ‘बाउल’ के लिए उन्होंने हिन्दी शब्द का उपयोग किया। शिल्पी मुझे वहाँ ले गई, जहाँ बाउल रखे हुए थे और उसने उनमें से दो-तीन उठाकर मुझे दिखाया कि कौन-से अलग अलग रंग उपलब्ध हैं। मैंने लाल वाला चुना, जिसे लेकर वह काउंटर पर गई। इसके बाद उसने मुझसे पैसे लेकर अपनी माँ को दिए, जिन्होंने मुझे देने के लिए उसे सही रकम लौटाई। शिल्पी ने उस बाउल को कागज़ में लपेटने में अपनी माँ की मदद की और फिर बैग में रखने के लिए वह मुझे दिया। अंत में, उसने अपनी माँ के साथ मुझे धन्यवाद दिया और हिन्दी में बोलकर मुझसे विदा ली।
जब मैं दुकान से निकल रही थी, तब मैंने इस बारे में सोचा कि शिल्पी क्या ज्ञान और कौशल सीख रही है, जिससे उसे स्कूल शुरू करने के बाद फायदा होगा।
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