Hindi, asked by harry4611, 11 months ago

कक्षा -परीक्षा
नौवीं अंक 5
अनुच्छेद - खेलकूद में कीर्तिमान रचती महिलाएं
* समय के साथ चलती महिलाएं
* अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पहचान
* खेलकूद एक स्वर्णिम कैरियर भी​

Answers

Answered by shahidul07
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Explanation:

2016 के रियो ओलंपिक में भारतीय महिला एथलीटों को दो पदक हासिल हुए थे- बैडमिंटन में पीवी सिंधु ने सिल्वर मेडल जीता था जबकि कुश्ती में साक्षी मलिक ने ब्रॉन्ज मेडल दिलाया था. इन खेलों में परंपरागत तौर पर भारतीय दल का प्रदर्शन अच्छा नहीं रहा है, इसलिए लक्ष्य भी कमतर ही है.

2019 में वर्ल्ड बैडमिंटन चैंपियनशिप का खिताब जीतने वाली सिंधु इस बार भी पदक की सबसे तगड़ी दावेदार हैं. बावजूद इसके, बीते कुछ सालों में महिला एथलीटों ने अपने प्रदर्शन से बेहतर संकेत दिए हैं.

निशानेबाज़ी, तीरंदाज़ी, कुश्ती, बैडमिंटन, जिमनास्टिक और ट्रैक एंड फील्ड जैसे खेलों में ओलंपिक की तैयारी के लिहाज से महिला एथलीट, पुरुषों की तुलना में कहीं ज्यादा सशक्त दावेदार लग रही हैं.

एक ऐसे देश में जहां परंपरागत तौर पर पुरुषों की प्रधानता रही है, जहां महिलाओं पर सामाजिक और सांस्कृतिक पाबंदियां लगी रही हों और खेल के लिए आधारभूत ढांचे का अभाव हो, वहां अगर महिलाएं पुरुषों के साथ या उनसे आगे खड़ी हैं तो इसकी बड़ी वजह महिला खिलाड़ियों के पिछले कुछ सालों में लगातार जोरदार प्रदर्शन रहा है.

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