Social Sciences, asked by rajkumarbarori1, 6 months ago

कक्षा परियोजना के रूप मे समाचार मे से एक शीषक चुनकर उस पर धयान केदीत कीजिए । और अनय समाचारो पत्रो पर उससे संबंधित विवरण चुनो । दूरदरशन समाचार पर भी इस विषय पर परसारित सामगृी देखिए । 2 समाचार पत्रों के विवरण की तुलना करके उनमे समानता और भिन्ऩता की रिपोरट लिखिए । निमनलिखत सवाल पूघना सहायक भी हो सकता है । कक्षा 7 असाईनमैंट

Answers

Answered by siddharth3690
7

Answer:

PR

इन्हीं जिज्ञासाओं का जवाब देने के लिए कुमार कौस्तुभ की नई किताब टीवी समाचार की दुनिया आज बाजार में है। इस पुस्तक में समाचार प्रसारण के सभी पहलुओं पर सिलसिलेवार चर्चा की गई है। इस किताब की खास बात है कि इसके लेखक स्वयं टीवी प्रसारण क्षेत्र से दशकों से जुड़े हैं। समाचार प्रसारण के विभिन्न पहलुओं को उन्होंने अपने निजी अनुभव से पिरोया है। यही वजह है कि यह पुस्तक दूसरी पाठ्यपुस्तकों से थोड़ी अलग है।

इस पुस्तक को पांच चरणों में विभाजित किया गया है। पहले चरण में टेलीविजन में हिंदी समाचार चैनलों के विकास की विस्तार से चर्चा की गई है। लोकतंत्र के चौथे खंभे के रूप में मीडिया की स्थापित करने में टीवी समाचार चैनलों की अहम भूमिका को बताया गया है। दूरदर्शन की भूमिका और प्राइवेट चैनलों की चर्चा के साथ-साथ शुरुआती प्राइवेट चैनलों जैसे जी टीवी, स्टार ग्रुप, एनडीटीवी और इन्हें स्थापित करने वाले व्यक्तियों आदि की भूमिका को भी देखा गया है। इंडिया टुडे ग्रुप के चैनल आज तक की विशेष रूप से चर्चा की गई है।

पुस्तक के लेखक ने इस पर खासी नजर डाली की कितने कम समय में एक सरकारी चैनल से प्रसारित होने वाले महज आधे घंटे का समाचार कार्यक्रम किस तरह एक चैबीस घंटे के समाचार चैनल में तब्दील हो गया। इसी चरण के दूसरे अध्याय में दूरदर्शन समाचार के विकास का उल्लेख किया गया है। इस अध्याय में टेलीविजन समाचार प्रसारण में दूरदर्शन की महत्वपूर्ण भूमिका की चर्चा की गई। पहली बार दूरदर्शन प्रसारण के लंबे अतंराल के बाद नियमित समाचार प्रसारण की शुरूआत 1965 से हुई थी जिसमें हिंदी, अंग्रेजी और क्षेत्रीय भाषाएं भी शामिल थीं। 2003 में दूरदर्शन 24 घंटे के समाचार चैनल के रूप में स्थापित किया गया।

पुस्तक के दूसरे चरण में लेखक ने हिंदी में टीवी के समाचार-प्रसारण तंत्र को समझाया है। इस अध्याय में टीवी पत्रकारिता के पहले पाठ के रूप में लॉगिंग प्रक्रिया और उसके अंतर्गत आने वाली दूसरी प्रक्रियाओं को विस्तार से समझाया गया है। न्यूज रूम बनाम ‘वॉर रूम’ शीर्षक के अध्याय में लेखक ने न्यूज रूम को खबरों की फैक्ट्री कहा है। न्यूज रूम को खबरों का केंद्र बताते हुए उसके सिद्धांत, वातावरण, कर्मियों, इंफ्रास्ट्रक्चर, टेक्नॉलोजी आदि का परिचय दिया गया है। इसी चरण के एक अन्य अध्यायों में संपादक और प्रोड्यूसर के कार्यों की समीक्षा की गई है। खबरों के स्रोत के बारे में जानकारी देते हुए लेखक ने खबरों को न्यूज डेस्क तक पहुंचने की संपूर्ण प्रक्रिया को क्रमबद्ध तरीके से समझाया है

Explanation:

PR

इन्हीं जिज्ञासाओं का जवाब देने के लिए कुमार कौस्तुभ की नई किताब टीवी समाचार की दुनिया आज बाजार में है। इस पुस्तक में समाचार प्रसारण के सभी पहलुओं पर सिलसिलेवार चर्चा की गई है। इस किताब की खास बात है कि इसके लेखक स्वयं टीवी प्रसारण क्षेत्र से दशकों से जुड़े हैं। समाचार प्रसारण के विभिन्न पहलुओं को उन्होंने अपने निजी अनुभव से पिरोया है। यही वजह है कि यह पुस्तक दूसरी पाठ्यपुस्तकों से थोड़ी अलग है।

इस पुस्तक को पांच चरणों में विभाजित किया गया है। पहले चरण में टेलीविजन में हिंदी समाचार चैनलों के विकास की विस्तार से चर्चा की गई है। लोकतंत्र के चौथे खंभे के रूप में मीडिया की स्थापित करने में टीवी समाचार चैनलों की अहम भूमिका को बताया गया है। दूरदर्शन की भूमिका और प्राइवेट चैनलों की चर्चा के साथ-साथ शुरुआती प्राइवेट चैनलों जैसे जी टीवी, स्टार ग्रुप, एनडीटीवी और इन्हें स्थापित करने वाले व्यक्तियों आदि की भूमिका को भी देखा गया है। इंडिया टुडे ग्रुप के चैनल आज तक की विशेष रूप से चर्चा की गई है।

पुस्तक के लेखक ने इस पर खासी नजर डाली की कितने कम समय में एक सरकारी चैनल से प्रसारित होने वाले महज आधे घंटे का समाचार कार्यक्रम किस तरह एक चैबीस घंटे के समाचार चैनल में तब्दील हो गया। इसी चरण के दूसरे अध्याय में दूरदर्शन समाचार के विकास का उल्लेख किया गया है। इस अध्याय में टेलीविजन समाचार प्रसारण में दूरदर्शन की महत्वपूर्ण भूमिका की चर्चा की गई। पहली बार दूरदर्शन प्रसारण के लंबे अतंराल के बाद नियमित समाचार प्रसारण की शुरूआत 1965 से हुई थी जिसमें हिंदी, अंग्रेजी और क्षेत्रीय भाषाएं भी शामिल थीं। 2003 में दूरदर्शन 24 घंटे के समाचार चैनल के रूप में स्थापित किया गया।

पुस्तक के दूसरे चरण में लेखक ने हिंदी में टीवी के समाचार-प्रसारण तंत्र को समझाया है। इस अध्याय में टीवी पत्रकारिता के पहले पाठ के रूप में लॉगिंग प्रक्रिया और उसके अंतर्गत आने वाली दूसरी प्रक्रियाओं को विस्तार से समझाया गया है। न्यूज रूम बनाम ‘वॉर रूम’ शीर्षक के अध्याय में लेखक ने न्यूज रूम को खबरों की फैक्ट्री कहा है। न्यूज रूम को खबरों का केंद्र बताते हुए उसके सिद्धांत, वातावरण, कर्मियों, इंफ्रास्ट्रक्चर, टेक्नॉलोजी आदि का परिचय दिया गया है। इसी चरण के एक अन्य अध्यायों में संपादक और प्रोड्यूसर के कार्यों की समीक्षा की गई है। खबरों के स्रोत के बारे में जानकारी देते हुए लेखक ने खबरों को न्यूज डेस्क तक पहुंचने की संपूर्ण प्रक्रिया को क्रमबद्ध तरीके से समझाया है

Similar questions