Art, asked by kundankumar65871, 4 months ago

कक्षा रिकार्ड पुस्तिका / अन्वेषण योजना।
tion proiect​

Answers

Answered by mvkreddy84745
4

Answer:

प्रायोगिक कार्य तथा जांच-पड़ताल : कक्षा 9 में गुरूत्वाकर्षण पढ़ाना

यह इकाई किस बारे में है

प्रायोगिक कार्य विज्ञान शिक्षा का एक महत्वपूर्ण पहलू है। इसमें अनेक गतिविधियां शामिल होती हैं तथा इसका प्रयोग अनेक उद्देश्यों के लिए किया जाता है, जैसे–

किसी अवधारणा या विचार को स्पष्ट करना जिससे ज्ञान के सृजन की प्रक्रिया के दौरान प्राप्त साक्ष्य से विद्यार्थियों को तर्क-वितर्क विकसित करने में मदद की जा सके।

व्यवहारिक, बुद्धिमत्तायुक्त प्रयोगशाला कौशल सीखना तथा माइक्रोस्कोप जैसे विज्ञान के उपकरणों के प्रयोग को सीखना

अवलोकनात्मक कौशलों को सीखना, जैसे कोशिका की संरचना या रसायन को गर्म करने पर परिवर्तनों का अवलोकन करना

विशिष्ट विज्ञान पूछताछ कौशल विकसित करना जैसे उपयुक्त परीक्षण तैयार करना या साक्ष्य की समालोचनात्मक परीक्षण करना (विज्ञान में खोज)

‘विज्ञान की प्रकृति’ तथा वैज्ञानिक किस प्रकार से काम करते हैं इसका अनुभव और समझ विकसित करना।

राष्ट्रीय पाठ्यचर्या रूपरेखा (NCERT, 2005) में यह कहा गया है कि विज्ञान में नवाचार और सृजनशीलता को बढ़ावा दिया जाना चाहिए, तथा ‘पूछताछ संबंधी कौशल का समर्थन और इसे मजबूत किया जाना चाहिए’ (पृष्ठ 49)। प्रायोगिक कार्य, और विज्ञान के प्रति विशेष रूप से खोज परक कार्यप्रणाली से आपके विद्यार्थियों द्वारा यह सीखने में मदद मिल सकती है कि वैज्ञानिक किस प्रकार से काम करते हैं तथा वे स्वयं के पूछताछ संबंधी कौशल का विकास कर सकते हैं।

इस इकाई में प्रायोगिक कार्यप्रणालियों के इस्तेमाल के बारे में जानकारी दी गयी है - विशेष रूप से खोज परक प्रायोगिक कार्य प्रणालियां- जिससे विद्यार्थियों को गुरूत्वाकर्षण के बारे में सीखने में मदद मिल सके। आप इस इकाई में जो रणनीतियाँ और तकनीक सीखेंगे वे दूसरे विषयों पर भी लागू होंगी।

आप इस इकाई में क्या सीख सकते हैं

किस प्रकार से विद्यार्थियों को सामूहिक प्रायोगिक कार्य के माध्यम से गुरुत्वाकर्षण के बारे में सीखने में मदद मिल सकती है।

प्रायोगिक कार्य के संबंध में खोज संबंधी कार्य प्रणालियों का महत्व।

प्रभावी खोज कार्य के लिए योजना कैसे तैयार करें?

प्रायोगिक कार्य के प्रभाव का किस प्रकार मूल्यांकन करें?

यह दृष्टिकोण क्यों महत्वपूर्ण है

विज्ञान एक प्रायोगिक विषय है। यद्यपि प्रायोगिक गतिविधियों से विद्यार्थियों को सीखने में मदद मिल सकती है, लेकिन यह सुनिश्चित करने के लिए सावधानीपूर्वक योजना तैयार करना अपेक्षित है, जिससे वे प्रभावी साबित हों। कुछ प्रायोगिक गतिविधियां विद्यार्थियों को मानक प्रक्रियाओं का अभ्यास करने के अवसर देती हैं, जिनमें वैज्ञानिक अवधारणाओं तथा विज्ञान की प्रकृति को समझने के लिए अधिक गहन चिन्तन अपेक्षित नहीं होता है। इस इकाई से आपको यह सुनिश्चित करने में मदद मिलेगी कि आपके विद्यार्थी वैज्ञानिक विचारों तथा प्रक्रियाओं के बारे में सोचने और साथ ही प्रायोगिक कौशल को सीखने पर विचार करने के लिए अवसर के रूप में प्रायोगिक गतिविधियों का इस्तेमाल करते हैं।

खोज संबंधी प्रायोगिक कार्य में प्रश्न पूछे जाते हैं कि,– ‘कौन से कारक प्रभावित करते हैं …?’, ‘क्या इसके बीच कोई संबंध है…?’, ‘… के संभावित कारण क्या हो सकते हैं…?’ खोज संबंधी कार्य को निष्पादित करने के लिए, विद्यार्थियों को संबंधित विज्ञान अवधारणाओं के बारे में सोचना और उन्हें लागू करना होता है, और साथ ही विज्ञान संबंधी कौशलों और तकनीकों को इस्तेमाल करना होता है।

इस इकाई में यह सुनिश्चित करने पर बल दिया गया है कि जो प्रायोगिक कार्य आप करते हैं, वह उद्देश्यपूर्ण है। विज्ञान के बारे में और वैज्ञानिक किस प्रकार से कार्य करते हैं? आदि बातों को सीखने में उससे सहायता मिलती है। यह महत्वपूर्ण है कि प्रायोगिक कार्य की योजना सावधानीपूर्वक बनाई जाए जिससे इसमें बिना अतिरिक्त समय लगाये सीखने में बढ़ोत्तरी हो।

1 किस प्रकार का प्रायोगिक कार्य?

प्रभावी प्रायोगिक कार्य महत्वपूर्ण होता है जिससे अधिक प्रभावी रूप से सीखा जा सकता है। इसमें ‘हैंड्स ऑन’ और ‘माइन्ड्स ऑन’ (शारीरिक और बौद्धिक सक्रियता) दोनो ही होते हैं। अनेक विस्तृत प्रकार के प्रायोगिक कार्य हैं, जिनमें से प्रत्येक के लाभ और नियोजन मुद्दे में शामिल हैं–

प्रदर्शन (प्रयोग करके दिखाना)

ढांचागत प्रयोग

‘रोटेटिंग’ प्रयोग या ‘सर्कस’ प्रयोग

खोज

समस्या समाधान।

प्रदर्शन करने के अतिरिक्त, सभी प्रकार के प्रायोगिक कार्यों में विद्यार्थियों द्वारा जोड़ी में या समूहों में काम करना शामिल होता है। खोज करने और समस्या का समाधान करने से संबंधित प्रयोगों से विद्यार्थियों को स्वतंत्र व सृजनात्मक कार्य करने का अवसर मिलता है। जबकि ढांचागत प्रायोगिक गतिविधियां मानक तकनीकों से परिचित होने तथा उनका अभ्यास करने के लिए अच्छी होती हैं। सर्कस प्रयोगों से उपकरणों की आवश्यकता में कमी करने में सहायता मिल सकती है। आप संसाधन 1 में प्रत्येक किस्म के प्रायोगिक कार्य के संबंध में अधिक जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।

किस प्रकार के प्रायोगिक कार्य का इस्तेमाल किया जाए यह विकल्प गतिविधि के उद्देश्य तथा साथ ही समय और संसाधन संबंधी सीमाओं पर निर्भर करता है। ‘उद्देश्य’ और ‘विद्यार्थियों को क्या सीखना चाहिए’? का सम्बन्ध संकल्पनात्मक विज्ञान संबंधी जानकारी या प्रयोगशाला प्रक्रियाओं से होता है। इसका सम्बन्ध खोज कौशलों, प्रस्तुतीकरण सम्प्रेषण कौशलों और साथ ही समूह कार्यकरण कौशलों से भी है। विद्यार्थियों को सभी कौशलों द्वारा पढ़ाया जाना चाहिए तथा उनका अभ्यास किया जाना चाहिए।

समूह प्रायोगिक गतिविधियों को करने के लिए नियमित बातों को पढ़ाने पर समय व्यतीत करना उपयोगी साबित होता है। इससे विद्यार्थी के मुख्य उद्देश्य पर अधिक समय व्यतीत करने में समर्थ होंगे क्योंकि वे यह जानते होंगे कि प्रायोगिक गतिविधि में उनसे क्या अपेक्षा की जाती ह

Answered by sanket2612
2

Answer:

कक्षा रजिस्टर दस्तावेज या दस्तावेजों का संग्रह है जो शिक्षक छात्र पंजीकरण, उपस्थिति और ग्रेड जानकारी रिकॉर्ड करने के लिए उपयोग करते हैं।

कक्षा पंजीकरण इलेक्ट्रॉनिक या मैन्युअल रूप से किया जा सकता है और जिला और राज्य की आवश्यकताओं के अनुसार बनाया, अद्यतन और बनाए रखा जाता है।

प्रत्येक स्कूल को प्रत्येक छात्र के लिए एक सटीक उपस्थिति रिकॉर्ड बनाए रखना चाहिए।

शिक्षक उपस्थिति लेखांकन को सहायकों, सहायकों या छात्रों को नहीं सौंप सकते।

प्रत्येक शैक्षणिक वर्ष के अंत में, छात्र सूचना प्रणाली (एसआईएस) के प्रभारी उप पर्यवेक्षक द्वारा अंतिम अनंत कैम्पस वर्ष के अंत की फाइल और संबंधित संग्रह फाइलों को न्यूनतम 10 वर्षों के लिए रखा जाएगा।

सभी घर-आधारित छात्रों को परिसर में प्रवेश दिया जाता है। सभी शिक्षक जिला एवं राज्य द्वारा स्वीकृत उपस्थिति चिन्हों का प्रयोग करते हैं।

शिक्षक वर्ग की पुस्तकों को एनसीएसडी का आधिकारिक रिकॉर्ड माना जाता है और इसे कम से कम 5 वर्षों तक बनाए रखा जाना चाहिए। शिक्षक वर्ग पंजीकरण कानूनी रूप से बाध्यकारी दस्तावेज के रूप में कार्य करता है और इसका उपयोग केवल अनुपस्थिति दर्ज करने के लिए किया जाता है।

कक्षा की किताब में स्कूल का नाम, शिक्षक का नाम, विषय और जिस वर्ष उन्हें रखा गया था, वह शामिल है। 5 वर्षों के बाद, स्कूल जिले की आवश्यकताओं के आधार पर कक्षा की पुस्तकों को नष्ट किया जा सकता है।

#SPJ3

Similar questions