कक्षा दसवीं
पुनरावृति परीक्षा
नेताजी का चश्मा सामान्य निर्देश:सभी छात्रअपनी उत्तर पुस्तिका पर अपना नाम व विभाग लिखेंगे।
इस प्रश्न पत्र के लिए आपको 25 मिनट का समय दिया जाएगा। अर्थात आपने 5:00 बजे इस प्रश्न पत्र को आरंभ करना है और 5:25 पर आपने अपने विषय अध्यापक के पास अपनी उत्तर पुस्तिका का चित्र भेज देंगे।
5:30 के बाद किसी भी छात्र का की परीक्षा मान्य नहीं होगी।
प्रश्न 1: प्रस्तुत गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए ।
हालदार साहब को पान वाले द्वारा एक देशभक्त का इस तरह मजाक उड़ाना उड़ाया जाना अच्छा नहीं लगा । मुड़कर देखा तो अवाक रह गए । एक बेहद बूढ़ा मरियल- सा लंगड़ा आदमी सिर पर गांधी टोपी और आंखों पर काला चश्मा लगाए एक हाथ में एक छोटी सी संदुचकी और दूसरे हाथ में एक बाँस पर टंगे बहुत से चश्मे लिए अभी अभी एक गली से निकला था और अब एक बंद दुकान के सहारे अपना बाँस टिका रहा था । तो विचार इस बेचारे की दुकान भी नहीं !फेरी लगाता है ! हालचाल साहब चक्कर में पड़ गए ।पूछना चाहते थे, इसे कैप्टन क्यों कहते हैं? क्या यही इसका वास्तविक नाम है ? लेकिन पान वाले ने सब बता दिया था कि अब इस बारे में और बात करने को तैयार नहीं ड्राइवर भी बेचैन हो रहा था । काम भी था। हालदार साहब जीप में बैठकर चले गए।..
प्रश्न: (क) प्रस्तुत गद्यांश में देशभक्त किसे कहा गया है और क्यों ?
(ख) हालदार साहब किसे देख कर हैरान हो गए और क्यों ?
(ग) हालदर साहब को क्या बात अच्छी नहीं लगी?
(घ) पाठ के लेखक का नाम लिखिए।
प्रश्न 2 पान वाले का एक रेखाचित्र प्रस्तुत प्रस्तुत कीजिए।
Answers
(क) प्रस्तुत गद्यांश में देशभक्त किसे कहा गया है और क्यों ?
► प्रस्तुत गद्यांश में कैप्टन चश्मे वाले को देशभक्त कहा गया है, क्योंकि वो वो सिर गाँधी टोपी लगाता था और वो ही नेताजी की मूर्ति पर अलग-अलग चश्मे लगाता था।
(ख) हालदार साहब किसे देख कर हैरान हो गए और क्यों ?
► हालदार साहब कैप्टन चश्मे वाले को देखकर हैरान हो गये, क्योंकि कैप्टन नाम से उनके दिमाग में आया कि वो सेना का कोई रिटायर्ड फौजी होगा, लेकिन वो तो एक बूढ़ा, मरियल आम आदमी निकला।
(ग) हालदार साहब को क्या बात अच्छी नहीं लगी?
► हालदार साहब को पानवाले द्वारा कैप्टन देशभक्त का मजाक उड़ाया जाना अच्छा नही लगा।
(घ) पाठ के लेखक का नाम लिखिए।
► पाठ के लेखक का नाम ‘स्वतंत्र प्रकाश’ है।
प्रश्न 2 पान वाले का एक रेखाचित्र प्रस्तुत प्रस्तुत कीजिए।
► ‘नेताजी का चश्मा’ पाठ में पानवाला कहानी के प्रमुख पात्र में से एक था। उसकी दुकान उसी चौराहे पर नेताजी की मूर्ति के सामने थी। पाने वाले के सिर पर गिने-चुने बाल थे, उसका रंग काला था और वह शरीर से मोटा था। उसकी तोंद निकली हुई थी और जब वह हँसता तो उसकी तोंद भी जोर जोर से हिलने लगती थी। पान खाने के कारण उसके दांत सड़कर काले पड़ गए थे। उसके मुंह में हर समय पान भरा रहता था और कोई भी बात करने से पहले वह मुंह में भरे पान को थूकता था। यह उसकी नियमित आदत थी। पान वाले को आसपास के क्षेत्र के हर व्यक्ति की पूरी जानकारी रहती थी और वह सब जानकारियों को बड़े चुटीले अंदाज में दूसरों को बताया करता था।
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