kaki kahani ko drama keh roop meh likhe in hindi 2 with character
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Explanation:
काकी कहानी श्री सियारामशरण गुप्त जी द्वारा लिखी गयी एक प्रसिद्ध कहानी है . जिसमें उन्होंने बालमनोविज्ञान का चित्रण किया है . श्यामू बचपन में ही अपनी माँ को खो देता है .जब उसकी माँ की मौत हुई थी तब वह एक नादान बालक था .वह अपनी माँ को शमशान घाट पर ले जाने से रोकता है .लोग उसे यह कहकर बहला देते है की उसकी माँ मामा के यहाँ गयी है और कुछ दिन वहां रहकर लौट आएगी .लेकिन कुछ ही दिनों में आस - पास के लड़कों से उसे पता चला की उसकी माँ भगवान् के यहाँ गयी है .श्यामू उदास व बेचैन आँखों से आसमान की ओर अपनी माँ को खोजता रहता तभी अचानक उसे कुछ ख्याल आया . वह दौड़ा - दौड़ा अपने पिता के पास गया और पतंग खरीदने के लिए पैसा माँगा .लेकिन पिता ने इनकार कर दिया .बाद में श्यामू ने पिता विश्वेश्वर के कोट एक चवन्नी चुरा ली . वह अपने हमउम्र सुखिया दासी का बेटा भोला से मिला और उसे अपनी योजना बताई .वह अपनी काकी के नाम एक पतंग भेजना चाहता था ,जिसकी डोर पकड़ कर काकी नीचे उतर आये . भोला ने बताया की डोर पतली है ,काकी काकी इसे पकड़कर उतर नहीं सकती ,यह डोर टूट जायेगी . भोला ने कहा की काकी के लिए एक मोटी रस्सी भेजी जानी चाहिए ताकि काकी उसे पकड़ कर आसानी से आ जाए. श्यामू ने फिर अपने पिता के जेब से एक रूपया चुराया .यह बात श्यामू के पिता को पता चल गयी और उन्होंने क्रोध में आकर शामू को मारा . श्यामू को पतंग को फाड़ दी जिस पर लिखा था - काकी .
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काकी कहानी श्री सियारामशरण गुप्त जी द्वारा लिखी गयी एक प्रसिद्ध कहानी है . जिसमें उन्होंने बालमनोविज्ञान का चित्रण किया है . श्यामू बचपन में ही अपनी माँ को खो देता है .जब उसकी माँ की मौत हुई थी तब वह एक नादान बालक था .वह अपनी माँ को शमशान घाट पर ले जाने से रोकता है .लोग उसे यह कहकर बहला देते है की उसकी माँ मामा के यहाँ गयी है और कुछ दिन वहां रहकर लौट आएगी .लेकिन कुछ ही दिनों में आस - पास के लड़कों से उसे पता चला की उसकी माँ भगवान् के यहाँ गयी है .श्यामू उदास व बेचैन आँखों से आसमान की ओर अपनी माँ को खोजता रहता तभी अचानक उसे कुछ ख्याल आया . वह दौड़ा - दौड़ा अपने पिता के पास गया और पतंग खरीदने के लिए पैसा माँगा .लेकिन पिता ने इनकार कर दिया .बाद में श्यामू ने पिता विश्वेश्वर के कोट एक चवन्नी चुरा ली . वह अपने हमउम्र सुखिया दासी का बेटा भोला से मिला और उसे अपनी योजना बताई .वह अपनी काकी के नाम एक पतंग भेजना चाहता था ,जिसकी डोर पकड़ कर काकी नीचे उतर आये . भोला ने बताया की डोर पतली है ,काकी काकी इसे पकड़कर उतर नहीं सकती ,यह डोर टूट जायेगी . भोला ने कहा की काकी के लिए एक मोटी रस्सी भेजी जानी चाहिए ताकि काकी उसे पकड़ कर आसानी से आ जाए. श्यामू ने फिर अपने पिता के जेब से एक रूपया चुराया .यह बात श्यामू के पिता को पता चल गयी और उन्होंने क्रोध में आकर शामू को मारा . श्यामू को पतंग को फाड़ दी जिस पर लिखा था - काकी .
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