Kaksha Mein Aaya naya Vidyarthi par anuched
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स्कूल बस से मैं समय पर स्कूल पहुंच गई। प्रिंसिपल ने नए विद्यार्थियों का स्वागत किया। सभी विद्यार्थियों को तिलक लगाकर उनकी आरती भी उतारी गई। उन्होंने प्यार से मेरी पीठ थपथपाई। सभी बच्चों के चेहरों पर मुस्कुराहट थी और कक्षा में भी उत्साह का वातावरण था।
कक्षा में सभी विद्यार्थियों से उनके नाम आदि के बारे में जानकारी ली गई। मैंने लंच ब्रेक में जाकर कैंटीन में कचोरियां भी खाईं। इसके बाद हम वापस अपनी-अपनी कक्षाओं में चले गए। फिर दो पीरियड के बाद गेम्स पीरियड आया। मैंने खो-खो खेला यह मेरा पसंदीदा खेल है।
छुट्टी की घंटी बजने पर बच्चे उछलकूद करते हुए विद्यालय परिसर से बाहर आ गए। बाहर खड़ी स्कूल बस में बैठकर हम अपने-अपने घरों को आ गए। रास्ते में भी हम सब ढेर सारी बातें करते हुए घर आए। मैं इस दिन को कभी नहीं भूलूंगी।
Explanation:
स्कूल बस से मैं समय पर स्कूल पहुंच गई। प्रिंसिपल ने नए विद्यार्थियों का स्वागत किया। सभी विद्यार्थियों को तिलक लगाकर उनकी आरती भी उतारी गई। उन्होंने प्यार से मेरी पीठ थपथपाई। सभी बच्चों के चेहरों पर मुस्कुराहट थी और कक्षा में भी उत्साह का वातावरण था।
कक्षा में सभी विद्यार्थियों से उनके नाम आदि के बारे में जानकारी ली गई। मैंने लंच ब्रेक में जाकर कैंटीन में कचोरियां भी खाईं। इसके बाद हम वापस अपनी-अपनी कक्षाओं में चले गए। फिर दो पीरियड के बाद गेम्स पीरियड आया। मैंने खो-खो खेला यह मेरा पसंदीदा खेल है।
छुट्टी की घंटी बजने पर बच्चे उछलकूद करते हुए विद्यालय परिसर से बाहर आ गए। बाहर खड़ी स्कूल बस में बैठकर हम अपने-अपने घरों को आ गए। रास्ते में भी हम सब ढेर सारी बातें करते हुए घर आए। मैं इस दिन को कभी नहीं भूलूंगी।
कक्षा में आया एक नया विद्यार्थी
Explanation:
इस बार की गर्मियों की छुट्टियों के बाद जब हम विद्यालय पहुंचे तो हमारी कक्षा में एक नए छात्र का आगमन हुआ। छात्र का नाम रघु था। मारी अध्यापिका जी ने हमें रघु से मिलवाया। रघु एक साधारण छात्र नहीं था। रघु एक अंध छात्र था। उसे कुछ भी दिखाई नहीं देता था और वह केवल हमारी बातों को सुनकर उनका जवाब दे रहा था।
रघु को देख कक्षा के सभी विद्यार्थी हैरत में पड़ गए। ऐसा इसलिए क्योंकि रघु को बहुत सारी चीजों का ज्ञान था। हैरानी की वजह यह भी थी कि वह पहले अंध विद्यालय में था और वहां उसने अव्वल स्थान प्राप्त किया था।
हम सब यही सोच रहे थे कि रघु पढ़ता कैसे होगा और यदि पढ़ भी लेता है तो लिखता कैसे होगा। उसे अक्षर कैसे दिखते हैं। हम सबके मन में काफी सारे सवाल थे पर कक्षा की गतिविधियों को आगे बढ़ाने हेतु अध्यापिका जी ने हमें शांत करवा दिया।
हम सब रघु से बात करने के लिए बहुत उत्तेजित हो रहे थे।रघु से बात करने पर हमें पता चला कि वह अंध विद्यालय में ब्रेल लिपि के माध्यम से पढ़ता था। रघु से हमें और भी काफी सारी जानकारियां मिली। अब रघु हमारा एक बहुत अच्छा दोस्त है।
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यदि तुम पशु-पक्षियों की बोलियाँ समझ पाते तो
https://brainly.in/question/13547296