कल की घटना उसकी आूँखों केआगेसजीव हो उठी । ररक्शा नटराज टाकीज़ पार कर बडेडाकखानेकी ओर जा रहा
था । ररक्शा चलातेहुए असलम धीरे- धीरेकराह रहा था । बीच - बीच मेंएक हाथ सेपेट पकड़ लेता था । सामनेडाक
बंगलेतक चढाई ही चढाई थी । एकबारगी उसकी इच्छा हुई थी कक ररक्शेसेउत्तर जाए । अगलेही क्षर् उसनेखुद को
समझाया था - रोज़ का मामला है... कब तक उतरता रहेगा ... येलोग नाटक भी खूब कर लेतेहैं, इनकेसाथ हमददी
जताना बेवकूफी होगी । अनाप - शनाप पैसेमाूँगतेहैं, कुछ कहो तो सरेआम ररक्शेसेउत्तर पडा था , दादहना हाथ
गद्दी पर जमाकर चढाई पर ररक्शा खींच रहा था । वह बुरी तरह हाूँफ रहा था , गंजेलसर पर पसीनेकी नन्हीं- नन्हीं
बूंदेंददखाई देनेलगी थीं।
ररक्शा चलातेहुए असलम क्या कर रहा था ?
1) खण्ड का संक्षेपर् करेंऔर शीषखक भी दें
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you are not going on a lot more time with an or
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