कला के प्रति लोगों का नज़रिया पहले कैसा था? उसमें अब क्या बदलाव आया है?
Answers
कला के प्रति लोगों का नज़रिया पहले निम्न प्रकार था:
पहले लोग कला को राजे-महाराजे और अमीरों का शौक मानते थे। आर्ट के केंद्र में वे लोग रहते थे जिनके पास खाली समय होता था और जिन्हें रोटी कमाने की चिंता नहीं होती थी। इसलिए आर्ट की कलाकृतियां राजे महाराजाओं और अमीरों की दीवारों की शोभा बन कर रह गई थी, इसी कारण आम लोगों में इसे अच्छी नजरों से नहीं देखा जाता था।
अब उसमें निम्न बदलाव आया है :
अब समय के बदलाव ने लोगों की सोच बदल दी है। आर्ट बड़े लोगों का केंद्र नहीं रह गया। आम लोगों में भी आर्ट के समझ आने लगी है। आर्ट ने एक व्यवसाय का रूप ले लिया है और इसने आम लोगों में अपना विशेष स्थान बना लिया है। अब कलाकृतियां बड़े घरों की ही नहीं आम घरों की दीवारों की शोभा बनने लगी है। घरों में पेंटिंग करना और लगाना सम्मान की बातें समझी जाने लगी है। कलाकारों को समाज में हेय दृष्टि से नहीं , सम्मान की दृष्टि से देखा जाता है।
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