कल मैंने अपने छोटे बेटे से कहा, "बेटे अपनी पुस्तक ले आओ।' उसने कहा, "मैं स्कूल में भी तो पटन हूँ। मैं छुट्टी के दिन नहीं पढ़ना चाहता, कृपया आज मुझे खेलने दें। कल मेरी अध्यापिका जी स्वयं पढायेगी आप चिन्ता क्यों करते हैं?" यह सुनकर मैं चुप हो गया और मैंने उसे खेलने दिया.
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ये आपने गलत किया उसे प्यार से बुला के प्यार करते और कहते पापा कहते है बड़ा नाम करेगा बेटा ये मेरा ऐसा काम करेगा मगर ये तो कोई न जाने की ये स्कूल में कैसे पढ़ता है
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