Hindi, asked by kalpeshmeena044, 1 month ago

कलाओं का स्वर्ण युग किसे कहा गया है यह उस युग का संक्षिप्त परिचय दीजिए​

Answers

Answered by singhamarjeet6201
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Answer:

गुप्त काल को कला, साहित्य, संस्कृति व स्थापत्य का भी स्वर्ण युग कहा जाता है।

Answered by mithu456
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उत्तर:गुप्त काल को कला, साहित्य, संस्कृति व स्थापत्य का भी स्वर्ण युग कहा जाता है।क्योंकि इस काल में अधिक-से-अधिक शासकों ने शासन किया। क्योंकि इस काल में देश की सीमा बढ़ गई। क्योंकि इस काल में भारत का चहुँमुखी विकास हुआ।

व्याख्या:गुप्तकाल में मूर्तिकला के प्रमुख केन्द्र मथुरा, सारनाथ और पाटिलपुत्र थे। गुप्तकालीन मूर्तिकला की विशेषताएँ हैं कि इन मूर्तियों में भद्रता तथा शालीनता, सरलता, आध्यात्मिकता के भावों की अभिव्यक्ति, अनुपातशीलता आदि गुणों के कारण ये मूर्तियाँ बड़ी स्वाभाविक हैं।
गुप्त सम्राटों का शासन-काल प्राचीन भारतीय इतिहास के उस युग का प्रतिनिधित्व करता है जिसमें सभ्यता और संस्कृति के प्रत्येक क्षेत्र में अभूतपूर्व प्रगति हुई तथा हिन्दू संस्कृति अपने उत्कर्ष की पराकाष्ठा पर पहुँच गयी ।साहित्य, दोनों धार्मिक और धर्मनिरपेक्ष, विदेशी यात्रियों के लेखन, शिलालेख, सिक्के, स्मारक आदि गुप्तों के इतिहास के विभिन्न स्रोतों का गठन करते हैं। पुराणों, जैसे वायु-पुराण, मत्स्य-पुराण और विष्णु-पुराण, नारद-स्मृति, और ब्रहस्पति स्मृति जैसे स्मृतियाँ, नाटक जैसे काहुदी-महोत्सव और देवी-चंद्र-गुप्त, साहित्यिक कार्य। कालिदास जैसे, रघुवंश और अभिज्ञान शाकुन्तलम्, राजशेखर के काव्य-मीमांसा, कल्हण की राजतरंगिणी, बाणभट्ट की हर्ष-चरित, सोमदेव की कथा-सरित-सागर, क्षेम-क्षीर की मंजरी-क्षीर-मंजरी। कुवलाय-माला, और कई अन्य इसके साहित्यिक स्रोत हैं।
निष्कर्ष;इसे सुनें
गुप्तकालीन कला में विदेशीपन का अभाव है और यह शुद्ध भारतीय कला के रूप में विकसित हुई। इसमें गांधार शैली की तरह न तो भारतीय विषय और न ही यूनानी हाथ है। यूनानी, कुषाण, सीथियन आदि विदेशी जातियों की कला से गुप्तकालीन कला अप्रभावित है। इस युग की कला की एक दूसरी विशेषता सरलता है।
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