'कलासे प्राप्त आनंद अवर्णनीय
होता है।' इसपर अपने मत
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पहले मानव मिट्टी के बर्तनों पर चित्रकारी तथा मिट्टी से पुती दीवारो पर तोता मैना बनाता था । ... चित्रकला द्वारा ही रंगोली अल्पना भी पूजा स्थान पर बनाई जाती है। कला से प्राप्त आनंद अवर्णनीय होता है। प्राचीनकाल मे वही व्यक्ति सुसंस्कृत कहलाता था जो कलाओ मे निपुण होता था।
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