History, asked by Sanatan2468, 1 month ago

कला समाज का प्रतिबिंब है वर्णन करें यह कैसे इतिहास लेखन के लिए महत्वपूर्ण स्रोत है​

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Answered by hussain611
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Answered by Anonymous
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कलाकार वाह्‌य जगत के रूप-स्वरूप, गतिविधियों एवं समाज की भावनाओं से सम्बन्ध बनाकर ही सृजन किया करता है वह अपने सृजन में सामाजिक भावनाओं का मानव-वृत्तियों से सीधा सम्बन्ध रखता है। कलात्मक सृजन में इन्ही भावनाओं की अभिव्यक्ति होती है, परिणाम स्वरूप कला का रूप भी विश्वव्यापी होता है।

Explanation:

कलाकार की प्रतिभा, उसकी आत्मशक्ति एवं उसके कलात्मक तत्व, कला के रूप में समाज के स्वरूप और भावनाओं के साथ सामंजस्य जोड़कर, उसको व्यापक रूप प्रदान करते हैं। कला के अधिकांश विषय तत्कालीन समाज की समस्यायें ही होती है, इस उद्‌देश्य से किये गये सृजन में व्यक्तित्व गौण रूप ले लेता है ओर समाज की आवश्यकताओं का प्रतिबिम्ब उसके सृजन मे स्पष्ट झलकता रहता है। कलाकार ऐसी स्थिति में उद्‌देश्य अभिव्यक्ति के माध्यम से आत्मशान्ति प्राप्त करना चाहता है। इस स्थिति में उद्‌देश्य के प्राप्ति के लिए स्वयं अपना मार्ग चुनता है, लेकिन समाज से कभी अलग नहीं रह सकता है। किन्तु तकनीकी सिद्धान्तों के समक्ष दर्शक के आनन्द और आत्मशक्ति का लक्ष्य रहता है। सिद्धान्त के आधार पर पहली स्थिति में सृजित कला का रूप शुद्ध और मौलिक होता है तथा दूसरी स्थिति में लक्ष्यपूर्ति के लिए कला का रूप व्यावहारिक एवं मौलिकता उससे दूर हो जाती है। फलस्वरूप अनेकानेक तकनीकों को ग्रहण करना तथा उन्हें शिल्प के रूप में प्रस्तुत करना होता है।

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