कलात्मक रीति से सजी हुई भाषा जिसमें भाव की अभिव्यंजना ही कविता कहलाती है कविता की है परिभाषा
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उत्तर.श्यामसुंदर दास के अनुसार - "कलात्मक रीति से सजी हुई भाषा जिसमें भाव की अभिव्यंजना हो कविता कहलाती है।" आचार्य रामचंद्र शुक्ल के अनुसार - "कविता वह साधन है जिसके द्वारा से सृष्टि के साथ रगात्मक संबंध की रक्षा होती है।" जयशंकर प्रसाद के शब्दों में - पद्य आत्मा की संकल्पना रस की अनुभूति हैं।
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