Hindi, asked by shambhavi4882, 9 months ago

Kala hi jeevan hai par nibandh

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Answered by Anonymous
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Answer:

hey mates its not Kala. its JAL hi jeevan hai

Explanation:

jal पृथ्वी पर निवास करने वाले समस्त जीवो को जीवित रखने वाले प्रमुख तत्वों में से एक है। क्योंकि धरती पर रहने वाले सभी जीव-जंतु, पशु-पक्षियों कीट- पतंगे, पेड़-पौधे सहित मानव जीवन के लिए जल अमृत के समान होता है। जल के बिना सजीव जगत की कल्पना ही नहीं की जा सकती है।

परंतु आज के लोग इसकी महत्ता को समझते हुए भी इसे दूषित करते जा रहे हैं। जिस कारण आज हमारे देश के लगभग आधे से अधिक क्षेत्रो में लोगो को जल संकट जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। मानवो की अवेहलना से पनपी इस समस्या का सामना न सिर्फ मानव जाति को बल्कि आज अन्य दूसरी सजीव प्राणियों को भी करना पड़ रहा है।

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Answered by jayathakur3939
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कला ही जीवन है

आम तौर पर मानव द्वारा उसके दिमाग में चल रही हजारो प्रकार की कल्पनाओं को अन्य सभी लोगों के सामने दिखने की क्रिया को ही “कला” या “आर्ट” बोलते हैं।

मानव जीवन मैं कला का महत्वपूर्ण स्थान है इतिहास तथा संस्कृति में ‘कला’ से तात्पर्य सौन्दर्य, सुन्दरता तथा आनन्द से है । अपने मन के भावों को सौन्दर्य के साथ दृश्य रूप में व्यक्त करना ही कला है । प्राचीन भारत में कला को साहित्य और संगीत के समकक्ष मानते हुए मनुष्य के लिये उसे आवश्यक बताया गया है । भारतीय परम्परा में कला को लोकरंजन का समानार्थी निरूपित किया गया है ।जिस कौशल द्वारा किसी वस्तु में उपयोगिता और सुन्दरता का संचार हो जाये, वही कला है । भारतीय कला का इतिहास अत्यन्त प्राचीन तथा गौरवशाली है । वस्तुत: यह कला यहाँ के निवासियों के विचारों को समझने का एक सबल माध्यम है ।  

“कला” एक एसी बहुमूल्य सम्पत्ति :- “कला” एक एसी बहुमूल्य सम्पत्ति है जो होती तो सभी के पास है पर इसका आभास हर किसी को नहीं होता है। और अगर हो भी जाये तो कभी – कभी अपनों के द्वारा या कभी परायों के द्वारा दबा दिया जाता है, और मजबूर किया जाता है उसे बाकियों के संत भेड़ चाल चलने को।

कला का कोई छोर नहीं :-  कला उस क्षितिज की भाँति है जिसका कोई छोर (किनारा) नहीं , इतनी विशाल इतनी विस्‍तृत अनेक विधाओं को अपने में समेटेहुए ई | यदि आप कला को विशेष समय देते हैं और इसके सांथ नियमित रूप से कुछ वक्त बिताते हैं तो निश्चित ही आपकी कला आपको बहुत ऊपर तक लेकर जाएगी। कला में आपको शीर्ष स्थान तक पहुँचाने का विशेष सामर्थ्य होता है। बस देर है तो इसे पहचानने की।

कला की शक्ति :- कला में ऐसी शक्ति होनी चाहिए कि वह लोगों को संकीर्ण सीमाओं से ऊपर उठाकर उसे ऐसे ऊँचे स्‍थान पर पहुँचा दे जहाँ मनुष्‍य केवल मनुष्‍य रह जाता है। कला व्‍यक्ति के मन में बनी स्‍वार्थ, परिवार, क्षेत्र, धर्म, भाषा और जाति आदि की सीमाएँ मिटाकर विस्‍तृत और व्‍यापकता प्रदान करती है।

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