Kalam aur talwar poem by ramdhari singh dinkar meaning
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हिंदी जगत के महान कवि ‘रामधारी सिंह दिनकर’ द्वारा रचित कविता “कलम या कि तलवार” कलम अर्थात लेखनी की शक्ति व महत्व को तलवार की अपेक्षा श्रेष्ठ दर्शाती है।
कवि इस कविता में कहता है आप ये निर्णय करें कि आपको क्या चाहिये...कलम या कि तलवार।
एक तरफ कलम है जिसके माध्यम हम शब्द रूपी हथियार से अपने विरोधी को तलवार से भी तीक्ष्ण वार कर परास्त कर सकते है।
हमें कलम की ताकत का अंदाजा नही है. जिसने अनेक समाजों में बड़ी-बड़ी क्रांति का सूत्रपात किया है।
कलम से हम विचारों का एक आंदोलन छोड़ सकते हैं, लोगों में जागरूकता जगा सकते हैं, दया व प्रेम का भाव जगा सकते हैं।
कलम के माध्यम से हम निर्भय होकर विचारोत्तेज लेखन कर उन्हीं शब्दों को एक चिंगारी का रूप दे सकते हैं।
शब्दों का जो असर जन-मानस पर पड़ता है वो अमिट होता है।
तलवार तो केवल रक्त बहाती है जिसके दुष्परिणाम ही होते हैं पर कलम तो बिना रक्त बहाये वो काम कर देती है जो तलवार नही कर सकती।
धन्य है वो समाज जहां भले तलवार नही है पर कलम रूपी हथियार है।
कलम प्रतीक है विचारों की समृद्धता का, बुद्धिमत्ता का, संवेदना का।
क्योंकि जिस समाज में जितने अधिक कलम रूपी सिपाही हैं वो समाज विचारों से उतना समृद्ध होगा।