'कलगी बाजरे की' कविता में कवि अपनी प्रियतमा को
क्या कहता है?
O टटकी कली
O कलगी बाजरे की
O चंपा
O तारिका
'सुख - भोग खोजने आते सब, आए तुम सत्य खोज'
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इस कविता में कवि अपनी प्रेमिका की तुलना बाजरे की कलगी से करते हुए प्रश्न करते हैं। कवि अपनी प्रेमिका को 'चिकनी हरि घास' या 'बाजरे की पतली हिलती हुई बाली' कहना चाहते है
Explanation:
इस कविता में कवि अपनी प्रेमिका की तुलना बाजरे की कलगी से करते हुए प्रश्न करते हैं। कवि अपनी प्रेमिका को 'चिकनी हरि घास' या 'बाजरे की पतली हिलती हुई बाली' कहना चाहते है
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