CBSE BOARD XII, asked by 9654182063ansari, 2 months ago

कम गति का एक उदाहरण वक्र चालक सीधी चाल ऊंची कूद लंबी कूद एडीबी ​

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Answered by gowthamkommalapati
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पुरुषों की ऊंची कूद स्पर्धा वर्ष 1896 से ही ओलंपिक खेलों का हिस्सा है जबकि महिलाओं की स्पर्धा वर्ष 1928 से आरंभ हुई.

एक खेल के तौर पर ये ज्यादा सीधा-सरल खेल है.

हर खिलाड़ी को एक निश्चित ऊंचाई पर लगी एक बाधा को कूद कर पार करना होता है.

इसके लिए हर खिलाड़ी को तीन अवसर मिलते हैं. जो खिलाड़ी सफल होते जाते हैं, उनके लिए इस बाधा की ऊंचाई क्रमिक रूप से बढ़ाई जाती है.

ऐसा तब तक जारी रहता है जब तक कि मुकाबले में एक खिलाड़ी बचता है.

वर्ष 1968 से ऊंची कूद के ज्यादातर खिलाड़ी, अमरीकी खिलाड़ी डिक फॉसबरी की शैली 'फ्लॉप' का इस्तेमाल कर रहे हैं जिन्होंने अपनी खास तकनीक की मदद से स्वर्ण पदक जीता था.

शैली

इन खिलाड़ियों को बाधा से दूरी का बड़ा ख्याल रखना होता है क्योंकि कम या ज्यादा दूरी से उछलने पर वे बाधा से टकरा सकते हैं.

'फॉसबरी फ्लॉप' शैली क्रांतिकारी थी लेकिन वर्ष 1932 में बेबी डिडरिक्सन ने इसे कुछ तरह किया कि निर्णायकों को लगा कि वे कूदने के बजाए जैसे गोता लगा रही हैं. इस वजह से उन्हें स्वर्ण की बजाए रजत पदक से संतोष करना पड़ा.

जर्मनी की यूलरिक मेफर्थ संभवत: सबसे कम और सबसे ज्यादा उम्र की खिलाड़ी हैं जिन्होंने ऊंची कूद में नया कीर्तिमान बनाया.

उन्होंने वर्ष 1972 में 1.92 मीटर की ऊंची कूद लगाकर विश्व कीर्तिमान बनाया था. वर्ष 1984 में वापसी करते हुए उन्होंने लॉस एंजेलेस में एक बार फिर स्वर्ण पदक जीता.

वर्ष 1912 तक ऐसा होता था कि खिलाड़ी को दौड़कर कूदने की अनुमति नहीं थी और उन्हें लगभग खड़े-खड़े ही कूदना पड़ता

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