कम मार्क्स आने पर अध्यापक और छात्र के बीच सवंाद no spam plz
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शिक्षक : देखो तुम अंग्रेजी में बहुत कमजोर हो । ... शिक्षक : चलो इसकी चिंता अब तुम छोड़ दो । भले ही मैं गणित का अध्यापक हूँ पर तुम जैसे होनहार बच्चे को मैं पढ़ूंगा अंग्रेजी और उसके लिए तुम्हे फीस की चिंता करने की आवश्यकता नहीं है । सुनील : आपका बहुत-बहुत धन्यवाद मास्टर जी ।
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पिताजी : परीक्षा फल मिल गया विपिन ?
विपिन : जी पिताजी । बस अभी-अभी वही लेकर आ रहा हूँ । 0
पिताजी : तो कैसा रहा तुम्हारा परीक्षा फल ?
विपिन : जी….जी पिताजी, अच्छा नहीं आया ?
पिताजी : जरा दिखाओ तो । अरे ! ये तो बहुत ही कम अंक हैं । बस फेल होते-होते ही बचे हो । इतने कम अंक क्यों आये तुम्हारे ? कुछ तो बोलो ।
विपिन : वो पिताजी प्रश्नपत्र बहुत ही कठिन थे ?
पिताजी : अपनी गलती मानने की बजाय तुम प्रश्नपत्र को कठिन बता रहे हो ।
विपिन : नहीं पिताजी, वो सभी के ऐसे अंक आये हैं ।
पिताजी : ठीक है, तो फिर कल ही जाकर तुम्हारे मास्टर जी से बात करता हूँ कि हर विषय का इतना कठिन प्रश्नपत्र बनाया कि बच्चों के कम नम्बर आये ।
विपिन : नहीं पिताजी ।
पिताजी : क्या नहीं पिताजी । जो ट्यूशन तुमने कही वो हमने लगवा दी । लेकिन, उसके बाद भी यह परीक्षा फल । अपने खर्चे कम करके तुम्हारी हर जरूरत पूरी की जा रही है और तुम उसका यह परिणाम दे रहे हो। तुम्हारे ऊपर तो कोई दबाव भी नहीं है कि तुम फलां विषय ही लोगे या और कुछ । बस यही अपेक्षा है कि जो भी पढ़ो उसे मन लगा कर पढ़ो । लेकिन तुम तो हमारी सारी मेहनत पर पानी फेर रहे हो ।
विपिन : मुझे माफ़ कर दीजिये पिताजी । मैं बहुत शर्मिंदा हूँ । मैं आप से वादा करता हूँ कि अभी से पढ़ाई मैं जुट जाऊँगा और आपको शिकायत का मौका नहीं दूँगा ।