Accountancy, asked by manishanagwanshi131, 3 months ago

कमा
मकान (II)
0. निम्न सूचना से कर-निर्धारण वर्ष 2019-20 के लिए पूँजी लाभ की गणना कीजिए :
From the following information, compute the capital gains for the assessment year 2019-20 -
मकान (I)
[House (1)] (House (11)]
क्रय-तिथि (Date of Purchase)
May, 1997 Dec., 1990


प्राप्ति की लागत (Cost of Acquisition)
1,90,000
3,50,000
1990 में अतिरिक्त निर्माण की लागत (Cost of a additional construction
in 1990)
10,000 25,000
1 अप्रैल, 2001 को उचित बाजार मूल्य (Fair Market Value of 1st April, 2001) 1,75,000 3,50,000
2014-15 में अतिरिक्त निर्माण की लागत (Cost of additional construction in
2014-15)
51,800 77,700
वर्ष 2018-19 में सम्पत्ति की बिक्री से प्राप्त (Sale Proceeds of Property in
2018-19)
17,48,200 29,39,600
लागत स्फीति सूचकांक (Cost inflation index) 2001-02-100, 2014-15–240, 2018-19-280.
PAR​

Answers

Answered by 1234nospam
2

। जिस प्रकार हम सभी गणेश जी उपासना करते है। उसी प्रकार उनके गुणो की भी उपासना करना चाहिए जो कि बल, बुद्धि ओर धर्य,पर आधारित है जिसे हम मनुष्यो को भी धारण करना चाहिए।पंचामृत में सबसे पहले दूध से गणेश जी का अभिषेख किया जाता है। उसके बाद दही से फिर घी से शहद से ओर अंत मे गंगाजल से अभिषेक किया जाता है। गणेश जी पर रोली ओर कलावा चढ़ाया जाता है। सिंदूर गणेश जो को बहुत अधिक प्रिय  है। इसलिय उनको सिंदूर चढ़ाया जाता है।रिद्धि – सिद्धि के रूप में दो सुपारी ओर पान चढ़ाया जाते है। इसके बाद फल पिला कनेर ओर दुब फूल चढ़ाया जाता है। उसके बाद गणेश जी की मनपसंद मिठाई मोदक ओर लड्डू चढ़ाया जाता है। भोग चढ़ाने के बाद सभी परिवारजनों द्वारा मिलकर गणेश जी की आरती गाई जाती है।श्री गणेश जी के 12 नामों का ओर उनके मन्त्रो का उच्चारण किया जाता है।शिवजी द्वारा गणेश जी को वरदान: शिवजी ने गणेश जी को आशीर्वाद देते हुए कहा था। कि जब भी पृथ्वी पर किसी भी नए ओर अच्छे कार्य की शुरुआत की जाए तो वहाँ पर सबसे पहले गणेश जी का नाम लिया जाएगा। और गणेश जी की आराधना करने वाले व्यक्ति के सभी दुखदुर हो जाएंगे । इसी वजह से हम भर्तीय कोइ भी अच्छा कार्य करने से पहले गणेश जी की उपासना जरूर करते है। चाहे वह विवाह, नए व्यपार, नया घर प्रवेश, कोई भी कार्य हो उसमे गणेश जी की पूजा पहले की जाती है। माना जाता है कि गणेश चतुर्थी के दिन चन्द्रमा को देखना अशुभ होता है। जो भी चन्द्रमा को गणेश चतुर्थी के दिन दर्शन करता है तो उस दिन उसपे चोरी का आरोप लगता है।उपसंहार: गणेश चतुर्थी के दिन गणेश भगवान को अपने घर मे लाकर घर की समस्याओं और कष्टों को दूर किया जाता है। गणेश भगवान द्वारा गणेश चतुर्थी महाराष्ट राज्य के लोगो का सबसे अधिक पसंदीदा ओर प्रमुख त्योहार होता है। यह दिन बहुत ही पवित्र होता है। इसलिए इस त्योहार को बड़े बड़े अभिनेताओं द्वारा भी मनाया जाता है । जिस प्रकार हम पंचामृत में सबसे पहले दूध से गणेश जी का अभिषेख किया जाता है। उसके बाद दही से फिर घी से शहद से ओर अंत मे गंगाजल से अभिषेक किया जाता है। गणेश जी पर रोली ओर कलावा चढ़ाया जाता है। सिंदूर गणेश जो को बहुत अधिक प्रिय  है। इसलिय उनको सिंदूर चढ़ाया जाता है।

रिद्धि – सिद्धि के रूप में दो सुपारी ओर पान चढ़ाया जाते है। इसके बाद फल पिला कनेर ओर दुब फूल चढ़ाया जाता है। उसके बाद गणेश जी की मनपसंद मिठाई मोदक ओर लड्डू चढ़ाया जाता है। भोग चढ़ाने के बाद सभी परिवारजनों द्वारा मिलकर गणेश जी की आरती गाई जाती है।श्री गणेश जी के 12 नामों का ओर उनके मन्त्रो का उच्चारण किया जाता है।शिवजी द्वारा गणेश जी को वरदान: शिवजी ने गणेश जी को आशीर्वाद देते हुए कहा था। कि जब भी पृथ्वी पर किसी भी नए ओर अच्छे कार्य की शुरुआत की जाए तो वहाँ पर सबसे पहले गणेश जी का नाम लिया जाएगा। और गणेश जी की आराधना करने वाले व्यक्ति के सभी दुखदुर हो जाएंगे । इसी वजह से हम भर्तीय कोइ भी अच्छा कार्य करने से पहले गणेश जी की उपासना जरूर करते है। चाहे वह विवाह, नए व्यपार, नया घर प्रवेश, कोई भी कार्य हो उसमे गणेश जी की पूजा पहले की जाती है। माना जाता है कि गणेश चतुर्थी के दिन चन्द्रमा को देखना अशुभ होता है। जो भी चन्द्रमा को गणेश चतुर्थी के दिन दर्शन करता है तो उस दिन उसपे चोरी का आरोप लगता है।उपसंहार: गणेश चतुर्थी के दिन गणेश भगवान को अपने घर मे लाकर घर की समस्याओं और कष्टों को दूर किया जाता है। गणेश भगवान द्वारा गणेश चतुर्थी महाराष्ट राज्य के लोगो का सबसे अधिक पसंदीदा ओर प्रमुख त्योहार होता है। यह दिन बहुत ही पवित्र होता है। इसलिए इस त्योहार को बड़े बड़े अभिनेताओं द्वारा भी मनाया जाता है । जिस प्रकार हम सभी गणेश जी उपासना करते है। उसी प्रकार उनके गुणो की भी उपासना करना चाहिए जो कि बल, बुद्धि ओर धर्य,पर आधारित है जिसे हम मनुष्यो को भी धारण करना चाहिए।

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