History, asked by alijuned8374, 4 months ago

कमल महल और हाथियों के अस्तबल जैसे भवनों का स्थापत्य हमें
उनके बनबाने वाले शासकों के विषय में क्या बताता है।​

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Answered by sharmakiransh
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Answer:

अनेक पर्वत श्रृंखलाओं के मध्य स्थित विजयनगर एक विशाल शहर था। इसमें अनेक भव्य महल, सुन्दर आवासस्थान, उपवन और झीलें थीं जिनके कारण नगर देखने में अत्यधिक आकर्षक एवं मनमोहक लगता था। बस्ती के दक्षिण-पश्चिमी भाग में शाही केन्द्र स्थित था जिसमें अनेक महत्त्वपूर्ण भवनों को बनाया गया था। लोटस महल अथवा कमल महल और हाथियों का अस्तबल इसी प्रकार की दो महत्त्वपूर्ण संरचनाएँ थीं। इन दोनों भवनों का स्थापत्य अलग-अलग तरह का हैं। इन दोनों संरचनाओं से हमें उनके निर्माता शासकों की अभिरुचियों एवं नीतियों के विषय में पर्याप्त जानकारी मिलती है।

कमल महल: शाही केन्द्र के भव्य महलों में सर्वाधिक सुन्दर कमल महल था। यह नामकरण इस महल की सुंदरता एवं भव्यता से प्रभावित होकर अंग्रेज़ यात्रियों द्वारा किया गया था। स्थानीय रूप से इस महल को चित्तरंजनी-महल के नाम से जाना जाता है। हालांकि यह नाम निश्चित रूप से रोमांचक है, लेकिन इतिहासकार इस बारे में निश्चित नहीं हैं कि यह भवन किस कार्य के लिए बना था। इसकी स्थिति के विभिन्न पक्षों को देखकर पता चलता हैं कि शासक इसके माध्यम से अपनी समृद्धि तथा राज्य के वास्तुविदों के कौशल को दुनिया के समक्ष रखना चाहता थे। ऐसा अनुमान लगाया जाता हैं कि शासक यहाँ अपने सलाहकारों से भेंट किया करता था। विभिन्न राजदूतों का स्वागतकक्ष भी यही था।

हाथियों के अस्तबल: हाथियों का विशाल फीलखाना (हाथियों का अस्तबल अथवा रहने का स्थान) कमल महल के समीप ही स्थित था। फीलखाना की विशालता से स्पष्ट होता है कि विजय नगर के शासक अपनी सेना में हाथियों को अत्यधिक महत्त्व देते थे। उनकी विशाल एवं सुसंगठित सेना में हाथियों की पर्याप्त संख्या थी। फीलखाना की स्थापत्य कला शैली पर इस्लामी स्थापत्य कला शैली का स्पष्ट प्रभाव दृष्टिगोचर होता है। इसके निर्माण में भारतीय इस्लामी स्थापत्य कला शैली का अनुसरण किया गया है। इससे यह भी स्पष्ट होता है कि विजय नगर के शासक धार्मिक दृष्टि से उदार एवं सहनशील थे।

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