Hindi, asked by sapnaguptaa00, 1 month ago

कमर तोड़ महंगाई के कारण समाज पर प्रभाव वयावहारिक समाधान पर निबंध​

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Answered by riav7021
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महँगाई के कारण- हमारे देश में महंगाई एक आर्थिक संकट है। महंगाई तब बढ़ जाती है जब किसी वस्तु के दाम अचानक बढ़ जाए। समय के साथ या यूं कहे कि महंगाई और भ्रष्टाचार की वजह से अमीर और अमीर होता जा रहा है और गरीब और गरीब होता जा रहा है। ऐसे में अगर यह कहें कि महंगाई ने कमरतोड़ दी है तो बिल्कुल भी गलत नहीं होगा।

Answered by sj9628897892
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Answer:

महंगाई का तात्पर्य है वस्तुओं की कीमत में वृद्धि होना। वस्तुओं के दाम सीधे आसमान को छू रहे है। देश में महंगाई एक बहुत बड़ी समस्या है। महंगाई गरीब, मध्यम वर्गीय और गरीबी से नीचे स्तर पर लोगो को भी प्रभावित करती है। महंगाई की सबसे बुरी मार गरीब वर्ग के लोगो को झेलना पड़ता है। दिन प्रतिदिन वस्तुओं के दामों में इज़ाफ़ा होना, देशवासी के लिए भीषण समस्या है। प्रत्येक समय देश की सरकार महंगाई को कम करने की बात करती है, उल्टा ही देखने को मिलता है। जनता सरकार से सिर्फ यही मांग करती है, कि वह महंगाई को संतुलित करे, मगर हर बार की तरह सरकार कीमतों को बढ़ा देती है।

हमारी ज़रूरत के सामान के दामों में अधिक वृद्धि हो रही है। पेट्रोल, डीजल के दाम आये दिन बढ़ रहे है। जनता अपने दफ्तरों में आय बढ़ाने की मांग कर रही है। आय बढ़ तो नहीं रही है, हाँ लेकिन महंगाई हमारे समक्ष मुंह आगे बढ़ाए खड़ी हो जाती है।

अत्यधिक महंगाई का संबंध मुद्रा स्फीति से भी है। सरकार प्रत्येक वर्ष अपना बजट चार्ट बढ़ा देती है और आम – आदमी को इसकी मार झेलनी पड़ती है। दिन प्रतिदिन रूपए की कीमत घटती जा रही है। भ्र्ष्टाचार एक प्रमुख कारण है, जिसे कोई भी सरकार रोकने में नाकामयाब हुयी है। भ्रष्टाचार एक वजह है, जो मुद्रा स्फीति को बढ़ावा दे रही है। भारत अपनी आर्थिक समस्याओं के कारण महंगाई जैसे गंभीर समस्या से मुक्त नहीं हो पा रहा है।

भारत जनसँख्या वृद्धि में हर साल एक नया मुकाम हासिल कर रहा है। जनसँख्या वृद्धि भी कमरतोड़ महंगाई का दूसरा प्रमुख कारण है। जिस तरीके से देश की जनसंख्या बढ़ रही है, देश में अनाज कम पड़ रहा है। भारत को भी बाहर के देशो से अनाज मंगवाना पड़ रहा है।

वैसे तो भारत एक कृषि प्रधान देश लेकिन फिर भी देश की बुरी अर्थव्यवस्था के कारण, कृषक को वर्षा पर निर्भर रहना पड़ता है। कृषि की पैदावार में हर साल विकास हो रहा है। अगर जनसंख्या कम होती तो इन अनाजों को देश विदेशी देशो तक पहुंचा पाता।

अत्यधिक बिजली उत्पादन भी कमरतोड़ महंगाई का कारण है। सरकार जनता से वोट मांगने के लिए महंगाई कम करने का वादा करती है। लेकिन नतीजा उल्टा ही निकलता है। भारत ने कृषि क्षेत्र, में बेहद उन्नति की है। देश की स्वतंत्रता के बाद भी बहुत सारे कृषको को खेती करनी की अच्छी सुविधा नहीं मिलती है। अचानक प्राकृतिक आपदाओं जैसे बाढ़, सूखा इत्यादि के कारण उपज में बहुत कमी आती है। इसकी वजह से अनाज के दामों में निरंतर विकास होता है। धनी वर्ग को इससे कोई फर्क नहीं पड़ता है। निर्धन वर्ग ऐसी महंगाई की चपेट में आ जाते है।

सरकारी दस्तावेज़ों में में कुएं खुदवाने के लिए खर्च दिया जाता है, मगर कुएं कभी भी कृषको के लिए खुदवाएं नहीं जाते है। कृषि के लिए सिंचाई करने की सुविधा हर किसानो को मिलनी चाहिए। महंगाई की मार किसानो को भी झेलना पड़ता है। जमाखोरी महंगाई का तीसरा प्रमुख कारण है। पैसेवाले लोग, मंडी से ज़्यादा से ज़्यादा अनाजों इत्यादि को खरीदकर अपने गोदामों में भर लेते है।

इस प्रकार वे ज़्यादा चीज़ो को एक स्थान पर इक्कठा कर लेते है। इसे कालाबाज़ारी कहा जाता है। लोगो को खाने के लिए कुछ नहीं मिल पाता है। हर जगह त्र्याही त्र्याही मच जाती है। ऐसा वक़्त आता है, जब जनता में वस्तुओं की मांग बढ़ जाती है, तब दुष्ट व्यापारी उन चीज़ो को दुगने दामों में बिक्री करते है। प्राकृतिक आपदाएं सूखे जैसे समस्या के दौरान यह व्यापारी अधिक मुनाफा कमाते है। इससे आम जनता को काफी तकलीफो का सामना करना पड़ता है। सरकार ने अर्थव्यवस्था से जुड़े बहुत कानून बनाये है, लेकिन फिर भी यह भ्रष्ट व्यापारी अपने हरकतों से बाज़ नहीं आते है। कालाबाज़ारी के कारण धनी व्यापारी अनाज अपने गोदामों में भर कर रख देते है। उसके बाद तिगुने दाम पर अनाज खरीदकर लोगो को मुश्किलों का सामना करना पड़ता है।

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