kamyabi ka Rahasya par ek rachnatmak
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एक बार एक असफल व्यक्ति एक सफल व्यक्ति के पास पंहुचा। उससे पूछा आपकी सफलता का रहस्य क्या है? क्योंकि मैं भी सफल होना चाहता हूं। सफल व्यक्ति बोला असफल व्यक्तियों से ही मैंने सफल होना सीखा है। असफल व्यक्ति ने कहा मुझे आपकी बात समझ नहीं आयी, कृपया अपनी बात को स्पष्ट करें। तब उस सफल व्यक्ति ने मुस्कुराते हुए उत्तर दिया पहले यह बताइये कि आप असफल क्यों हुए?
असफल व्यक्ति ने बताया पहले मैं एक अमीर व्यक्ति था। सफल होने के लिए मैंने एक कंपनी खोली जिसमें मैंने अपना बहुत सा पैसा लगा दिया। मैं बहुत जल्दी सफल होना चाहता था। इसीलिए मैंने उसी साल एक दूसरी कंपनी खोल ली जिसमे मैंने अपना बचा हुआ बाकी पैसा भी लगा दिया। मैंने जल्दबाजी में दो कंपनियां खोल ली और मैं अपनी किसी भी कंपनी को पूरा समय नहीं दे पाया।
कुछ ही समय में दोनों कंपनियां घाटे में चलने लगीं। मेरे पास उस घाटे को पूरा करने के लिए पैसा नहीं बचा था। धीरे-धीरे कंपनी का घाटा बढ़ता चला गया और दूसरे ही साल मेरी दोनों कंपनियां बंद हो गयीं। आज मैं एक असफल हूं।
अब सफल व्यक्ति ने कहा आपकी असफलता के दो कारण थे एक तो आपने दो कंपनी एक ही साल में खोल ली जिससे आप किसी भी एक कंपनी को पूरा समय नहीं दे पाए। दूसरा आपने अपनी कंपनियों में अपना सारा पैसा लगा दिया और जब आपको घाटा हुआ तो उससे उबरने के लिए आपके पास एक भी पैसा नहीं बचा। क्या मेरी बातों से आप सहमत हैं? असफल व्यक्ति बोला हां आप सही कह रहे हैं और मैं आपकी बातों से सहमत हूं।
तो आपने अपनी इस असफलता से क्या सीखा? असफल व्यक्ति बोला मैं अपनी असफलता से सीख भी क्या सकता था, यदि सफल होता तो बहुत कुछ सीखता। सफल व्यक्ति बोला आपने अपनी खुद की असफलता से कुछ भी नहीं सीखा, इसीलिए आप अब भी असफल हैं। लेकिन मैं असफल लोगों की असफलताओं से ही सीखकर आज एक सफल इंसान हूं। मैं असफल लोगों के द्वारा की गयीं गलतियों से सीखता हूं और उन गलतियों को अपने जीवन में नहीं होने देता। यही मेरी सफलता का रहस्य है।