Kan Kan ka Adhikari saramsham come
Answers
Answer:
Explanation:
कण कण - हर कण में - ( अव्ययीभाव )
समास - दो या दो से अधिक शब्दों के मेल से जब एक नया शब्द बनता है , उसे समास कहते है ।
समास के 6 भेद होते है -
1. तत्पुरुष समास - जिस समास में पहला पद प्रधान हो ।
2. कर्मधारय समास - जिस समास में उपमेय उपमान या विशेषण विशेष्य में तुलना की जाए ।
3.अव्ययीभाव समास - जिस समास में पहला पद अव्यय हो । उदहारण -घरोघर - हर घर ।
4. द्विगु समास - जिस समास में पहला पद संख्यावाची हो ।
5. बहुव्रीहि समास -जहाँ कोई अन्य पद प्रधान हो।
6 . द्वंद्व समास -जिस समास में दोनों ही पद प्रधान हो ।
Kan Kan ka Adhikari saramsham
" हे धर्मराज ! एक मनुष्य पाप के बल से धन इकट्टा करता है। दूसरा उसे भाग्यवाद के छल से भोगता है। मानव समाज का एक मात्र आधार या भाग्य "श्रम और भुजबल" है। श्रमिक के समाने पृथ्वी और आकाश दोनों झुक जाते हैं। जो परिश्रम करता है, उसे सुखों से कभी वंचित नहीं करना चाहिए | जो पसीना बहाकर श्रम करता है, उसी को पहले सुख पाने का अधिकार है। प्रकृति में जो भी वस्तु है, वह मानव मात्र की संपत्ति है। प्रकृति के कण-कण का अधिकारी जन-जन हैं।"
विशेषता: छात्रों में समाज कल्याण और उदारता की भावना का विकास होता है। श्रम का महत्त्व जानकर वे श्रम करने को प्रेरणा पाते हैं। प्रस्तुत कविता में कवि ने श्रम का महत्व समझाया ।