कनिष्क की शासन व्यवस्था पर प्रकाश डालिए।
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कनिष्क, जिन्हें कनिष्क प्रथम भी कहा जाता है, कुषाण वंश के महान शासक थे. इन्हें अपने समय के कुषाण शासकों में सैन्य, राजनीतिक और आध्यात्मिक क्षेत्रों में श्रेष्ठ माना गया है.
हालांकि कुषाण भारत के मूल निवासी नहीं थे, लेकिन एक समय इन्होंने भारत पर शासन करते हुए अपने साम्राज्य को पश्चिमी चीन तक विस्तार दिया. इतना ही नहीं इन्होंने चीन से पश्चिम की ओर जाने वाले रेशम मार्ग पर भी कब्जा किया था.
एशिया के इतिहास में धार्मिक प्रवृत्ति, साहित्य, कला प्रेमी और एक शासक के रूप में कनिष्क को विशेष स्थान प्राप्त है.
ऐसे में आइए, कनिष्क के विजय अभियानों और उनके साम्राज्य पर एक नजर डालते हैं –
चीन से भारत आए थे कुषाण
कुषाण वंश व अपने कुल में कनिष्क सर्वश्रेष्ठ सम्राट था. कनिष्क को राजनीतिक और सांस्कृतिक दृष्टि से भी श्रेष्ठ शासक माना गया है.
भारत में कुषाण साम्राज्य की स्थापना कुजुल कडफिसस या कडफिसस ने की थी. उसने लगभग 15 से 65 ईस्वी तक शासन किया.
कुषाण असल में मध्य एशिया की यू-ची जाति की एक शाखा थी, जो दूसरी शताब्दी ईसा पूर्व में पश्चिमी चीन में निवास करती थी. मौर्यों के बाद के काल में भारत आने वाली कई जातियों जैसे यवन, शक व पहलव की तरह से कुषाण भी एक प्रमुख विदेशी जाति थी.