Hindi, asked by khushiharsh1981, 1 month ago

कन्या भ्रूण हत्या विषय को लेकर पति-पत्नी के मध्य हुए संवाद को लिखिए​

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Answered by nidhikadian9416
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श्रावस्ती। बेटियों को घर के चूल्हा चौका से मुक्ति दिलाकर उन्हें शिक्षित बनाया जाए। देश में जब तक कन्या भ्रूण हत्या, दहेज उत्पीड़न, घरेलू हिंसा जैसी कुरीतियों पर रोक नहीं लगती सब तक महिला सशक्तीकरण का दावा अधूरा है। बेटियों को बेहतर शिक्षा दिलाने के साथ कुरीतियों पर रोक लगाकर उन्हें सशक्त बनाया जा सकता है। यह बातें शनिवार को ककंधू गांव स्थित आंगनबाड़ी केंद्र पर अमर उजाला की मुहिम अपराजिता 100 मिलियन स्माइल्स के तहत महिला सशक्तीकरण पर आयोजित संवाद में महिलाओं ने कहीं।

इस दौरान आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने महिलाओं की सुरक्षा व स्वास्थ्य को लेकर चर्चा की। इस दौरान सभी ने कहा कि बेटियां आज किसी भी मामले में बेटों से पीछे नहीं हैं। इसलिए उन्हें घर की चारदिवारी से बाहर निकलने का पूरा मौका दिया जाना चाहिए, ताकि वह भी अपने पैरों पर खड़ी हो सके। जिस दिन ऐसा हुआ उस दिन बिना प्रयास के ही महिला सशक्तीकरण की आवाज बुलंद हो जाएगी। इसके लिए समाज के प्रत्येक व्यक्ति को अपनी सोच बदलनी होगी।

जब तक कन्या भ्रूण हत्या, दहेज उत्पीड़न, घरेलू हिंसा, छेड़छाड़ जैसी घटनाएं होती रहेंगी तब तक महिला सशक्तीकरण नहीं हो सकता। बेटियों को आगे बढ़ाने के लिए हमें इन कुप्रथाओं को समाप्त करना होगा।

नारी दीपक तो पुरुष बाती है। जब तक दोनों एक साथ न हो, प्रकाश संभव नहीं है। यह लोगों को समझना होगा। वेद शास्त्रों में भी महिलाओं को पुरुषों से पहले स्थान दिया गया है। इसे अब साकार करना होगा।

समय के साथ अब हम सबको अपनी सोच बदलनी होगी। अपमान, अत्याचार व दहेज उत्पीड़न जैसी घटनाओं का हमें खुल कर विरोध करना होगा। लोगों को बताना होगा कि हम भी किसी से कम नहीं हैं।

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