Hindi, asked by Shikhar3607, 10 months ago

कन्याकुमारी में किन तीन सागरो का संगम होता है?

Answers

Answered by bhushansangamnere413
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Answer:

kanyakumari me teen sagar 1 Hindi mahasagar .

2 arbi mahasagar. 3 dakashin khadi

Answered by jayathakur3939
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कन्या कुमारी तमिलनाडु प्रान्त के दक्षिण तट पर बसा एक शहर है। यह हिन्द महासागर, बंगाल की खाड़ी तथा अरब सागर का संगम स्थल है | कन्याकुमारी अपने सनराइज के लिए काफी मशहूर है। सुबह हर होटल की छत पर सैलानियों की भारी भीड़ सूरज को उदय होते हुए देखने के लिए जमा हो जाती है । शाम को अरब सागर में डूबते सूरज को देखना भी यादगार होता है । भारत के दक्षिणी छोर पर बसा कन्याकुमारी हमेशा से ही टूरिस्ट्स की फेवरेट जगह रही है । हर साल कन्याकुमारी पहुंचने वाले देसी-विदेशी टूरिस्टों की संख्या लगभग 20 से 25 लाख के बीच रहती है। इस स्थान को त्रिवेणी संगम भी कहा जाता है | तमिलनाडु में स्थित कन्याकुमारी पहले केप कोमोरन के नाम से जाना जाता था । ये एक शांत शहर है । शहर का नाम देवी कन्या कुमारी के नाम पर पड़ा है , जिन्हें भगवान कृष्ण की बहन माना गया है ।  

इतिहास :-कन्याकुमारी दक्षिण भारत के महान शासकों चोल, चेर, पांड्य के अधीन रहा है। यहां के स्मारकों पर इन शासकों की छाप स्पष्ट दिखाई देती है। इस जगह का नाम कन्‍याकुमारी पड़ने के पीछे एक पौराणिक कथा प्रचलित है । कहा जाता है कि भगवान शिव ने असुर बानासुरन को वरदान दिया था कि कुंवारी कन्या के अलावा किसी के हाथों उसका वध नहीं होगा । प्राचीन काल में भारत पर शासन करने वाले राजा भरत को आठ पुत्री और एक पुत्र था । भरत ने अपना साम्राज्य को नौ बराबर हिस्सों में बांटकर अपनी संतानों को दे दिया। दक्षिण का हिस्सा उसकी पुत्री कुमारी को मिला। कुमारी को शक्ति देवी का अवतार माना जाता था। कुमारी ने दक्षिण भारत के इस हिस्से पर कुशलतापूर्वक शासन किया। उसकी ईच्‍छा थी कि वह शिव से विवाह करें। इसके लिए वह उनकी पूजा करती थी। शिव विवाह के लिए राजी भी हो गए थे और विवाह की तैयारियां होने लगीं थी। लेकिन नारद मुनि चाहते थे कि बानासुरन का कुमारी के हाथों वध हो जाए। इस कारण शिव और देवी कुमारी का विवाह नहीं हो पाया। इस बीच बानासुरन को जब कुमारी की सुंदरता के बारे में पता चला तो उसने कुमारी के समक्ष शादी का प्रस्ताव रखा। कुमारी ने कहा कि यदि वह उसे युद्ध में हरा देगा तो वह उससे विवाह कर लेगी। दोनों के बीच युद्ध हुआ और बानासुरन को मृत्यु की प्राप्ति हुई। कुमारी की याद में ही दक्षिण भारत के इस स्थान को कन्याकुमारी कहा जाता है। माना जाता है कि शिव और कुमारी के विवाह की तैयारी का सामान आगे चलकर रंग बिरंगी रेत में परिवर्तित हो गया।

विवेकानंद स्मारक : समुद्र के बीच में इसी जगह पर स्वामी विवेकानंद ने ध्यान लगाया था । यहां उनकी विशाल मूर्ति है। इसी के पास एक दूसरी चट्टान पर तमिल के संत कवि तिरूवल्लुवर की 133 फीट ऊंची मूर्ति है।

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