Hindi, asked by ayush693025, 6 months ago

कन्यादान कविता को कहानी के रूप में लिखिए। class 10
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Answered by baby2006
6

Answer:

QUESTION:

कन्यादान कविता को कहानी के रूप में लिखिए।

ANSWER:

  • इस कविता में उस दृश्य का वर्णन है जब एक माँ अपनी बेटी का कन्यादान कर रही है। बेटियाँ ब्याह के बाद पराई हो जाती हैं। जिस बेटी को कोई भी माता पिता बड़े जतन से पाल पोसकर बड़ी करते हैं, वह शादी के बाद दूसरे घर की सदस्य हो जाती है। इसके बाद बेटी अपने माँ बाप के लिए एक मेहमान बन जाती है।
  • प्रस्तुत कविता में कवि ऋतुराज ने माँ और बेटी के बीच होने वाली घटना का वर्णन किया है। जब एक माँ अपनी बेटी को शादी के बाद विदा करती है, तो उसे ऐसा लगता है, मानो उसके जीवन की सारी जमा पूँजी उससे दूर चली जा रही है। फिर उनका पुत्री-मोह उन्हें इस बात से भयभीत करता है कि उनकी बेटी नए घर में जा रही है, कहीं उसे कुछ परेशानी ना हो, या उसे कोई अत्याचार न सहना पड़े। इन सब के कारण माँ चिंतित होकर अपनी फूल-सी बेटी को भले-बुरे का पाठ पढ़ाने लग जाती है, जिसे जीवन में आने वाले दुखों का कोई बोध ही नहीं हैं, उसने सिर्फ अभी कुछ खुशियां ही देखी हैं और उन्हीं के सपने सजाए हैं।
  • अर्थात जब तक किसी लड़की की शादी नहीं होती, तब तक उसे घर में एक बच्ची की तरह बड़े लाड-दुलार से पाला जाता है। परन्तु, विदाई के वक्त अचानक से वह बड़ी लगने लगती है और उसकी माँ उसे सही गलत समझाने में लग जाती है।

HOPE IT HELPS YOU DEAR

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Answered by arunbalhara00
0

Answer:

प्रस्तुत कविता में कवि ऋतुराज ने माँ और बेटी के बीच होने वाली घटना का वर्णन किया है। जब एक माँ अपनी बेटी को शादी के बाद विदा करती है, तो उसे ऐसा लगता है, मानो उसके जीवन की सारी जमा पूँजी उससे दूर चली जा रही है। फिर उनका पुत्री-मोह उन्हें इस बात से भयभीत करता है कि उनकी बेटी नए घर में जा रही है, कहीं उसे कुछ परेशानी ना हो, या उसे कोई अत्याचार न सहना पड़े। इन सब के कारण माँ चिंतित होकर अपनी फूल-सी बेटी को भले-बुरे का पाठ पढ़ाने लग जाती है, जिसे जीवन में आने वाले दुखों का कोई बोध ही नहीं हैं, उसने सिर्फ अभी कुछ खुशियां ही देखी हैं और उन्हीं के सपने सजाए हैं।

अर्थात जब तक किसी लड़की की शादी नहीं होती, तब तक उसे घर में एक बच्ची की तरह बड़े लाड-दुलार से पाला जाता है। परन्तु, विदाई के वक्त अचानक से वह बड़ी लगने लगती है और उसकी माँ उसे सही गलत समझाने में लग जाती है।

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