कन्यादान' पाठ के आधार पर बताइए कि शिक्षित स्त्रियों का घरेलू कार्य में सिमट कर रह जाना कितना
न्यायसंगत है?
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कन्यादान' पाठ के आधार पर बताइए कि शिक्षित स्त्रियों का घरेलू कार्य में सिमट कर रह जाना कितना न्यायसंगत है?
शिक्षित स्त्रियों का घरेलू कार्य में सिमट कर रह जाना कितना न्यायसंगत नहीं है | स्त्रियों का जीवन सिर्फ एक घर तक ही सीमित नहीं है | जिस प्रकार एक पुरुष को अपना जीवन आज़ादी के साथ जीने का हक है उसी प्रकार स्त्रियों को भी अपना जीवन आजादी के साथ जीने का हक है | स्त्रियाँ पढ़ लिखकर अपने पैरों पर खड़ी हो सकती है उसको भी शिक्षा का अधिकार है | स्त्रियों का जीवन केवल की चारदीवारी तक ही सीमित नहीं है | हमें स्त्रियों को अच्छी शिक्षा देनी चाहिए तथा उन्हें उनके पैरों में खड़े होने के लिए प्रेरित करना चाहिए |
स्त्रियों पुरुष के साथ कमद से कदम मिलाकर चल सकती है | हमें स्त्रियों को किसी से कम नहीं समझना चाहिए | शिक्षित स्त्रियों का घरेलू कार्य में सिमट कर रह जाना कितना न्यायसंगत नहीं है |