कण-कण में है व्याप्त वही स्वर . कालकूट फणि की चिंतामणि'
(क) वही स्वर, वह ध्वनि एवं वही तान किसके लिए किस भाव के लिए प्रयुक्त हुआ है?
(ख) वही स्वर, वह ध्वनि एवं वही तान से संबंधित भाव का 'रुद्ध-गीत की क्रुद्ध तान है/निकली मेरी से-पंक्तियों से क्या कोई संबंध बनता है?
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Counterurbanization, or de-urbanization, is a demographic and social process whereby people move from urban areas to rural areas. It is, like suburbanization, inversely related to urbanization. It first occurred as a reaction to inner-city deprivation.
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अयोगवाह — अयोगवाह अनुस्वार (ं) और विसर्ग (ः) को को कहते हैं। क्योंकि यह ना तो स्वर के अंतर्गत आते हैं और ना ही व्यंजन के अन्तर्गत आते हैं। ... इसके अतिरिक्त दो अयोगवाह होते हैं अयोगवाह से तात्पर्य उन वर्णों को कहते हैं जो ना स्वर है ना व्यंजन है।
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