Biology, asked by mv3778951, 4 days ago

कण्टकेनैव कण्टकम्' कथायाः सारं हिन्दी भाषायां लिखत .​

Answers

Answered by jadhavprabhawati1991
0

Answer:

कण्टकेनैव कण्टकम् Summary Notes Class 8 Sanskrit Chapter 5

April 6, 2021 by Prasanna

By going through these CBSE Class 8 Sanskrit Notes Chapter 5 कण्टकेनैव कण्टकम् Summary, Notes, word meanings, translation in Hindi, students can recall all the concepts quickly.

Class 8 Sanskrit Chapter 5 कण्टकेनैव कण्टकम् Summary Notes

कण्टकेनैव कण्टकम् Summary

मध्य प्रदेश के डिण्डोरी जिले में परधानों के मध्य अनेक लोककथाएँ प्रचलित हैं। इनमें एक कथा है-धर्म में धक्का तथा पाप में पुण्य। यह कथा पञ्चतन्त्र की शैली में लिखी गई है। इस कथा में यह बताया गया है कि संकट में पड़ने पर भी चतुराई और प्रत्युत्पन्नमति से उस संकट से निकला जा सकता है। कथा का सार इस प्रकार है कोई चञ्चल नाम का शिकारी था। एक बार उसने वन में जाल बिछाया। उस जाल में एक बाघ फँस गया।

कण्टकेनैव कण्टकम् Summary Notes Class 8 Sanskrit Chapter 5

बाघ की प्रार्थना पर शिकारी ने बाघ को जाल से बाहर निकाल दिया। बाघ ने शिकारी से पानी माँगा। पानी पीकर बाघ शिकारी को खाने के लिए दौड़ा। बाघ की कृतघ्नता से हताश शिकारी नदी के जल के पास गया। नदी का जल कहने लगा कि यह लोक अत्यधिक स्वार्थी है। लोग जल पीते हैं और मुझे ही गन्दा करते हैं। उसकी बात न करते हुए वृक्ष कहने लगा कि लोग मेरी

Similar questions