कणाद किस दर्शन के जनक है?
(अ) न्याय
(ब) मीमांसा
(स) वैशेषिक
(द) चार्वाक
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कणाद एक ऋषि थे। वायुपुराण में उनका जन्म स्थान प्रभास पाटण बताया है। स्वतंत्र भौतिक विज्ञानवादी दर्शन प्रकार के आत्मदर्शन के विचारों का सबसे पहले महर्षि कणाद ने सूत्र रूप में लिखा। ये "उच्छवृत्ति" थे और धान्य के कणों का संग्रह कर उसी को खाकर तपस्या करते थे।
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कणाद वैशेषिक दर्शन के जनक है।
विकल्प ( स) सही विकल्प है।
- कणाद ऋषि थे। उनका जन्म स्थल वायु पूर्ण के अनुसार प्रभास पाटण बताया गया है।
- कणाद ऋषि ने सर्व प्रथम स्वतंत्र भौतिक विज्ञान वादी दर्शन प्रकार के आत्म दर्शन विचारो को सूत्र के रूप में लिखा।
- कणाद ऋषि उच्छवृत्ति थे जिसका तात्पर्य है कि वे धान्य के कणों का संग्रह कर उसी को खाकर तपस्या करते थे। यही कारण है कि उन्हें कणाद कहा जाता है । इन्हे कणभुक् के नाम से भी जाना जाता है।
- कण अर्थात् परमाणु तत्व' का सूक्ष्म विचार इन्होंने किया है ऐसा माना जाता है।
- ऐसा माना जाता है कि वे रात्रि को कणों का संग्रह किया करते थे । ऐसी वृत्ति उल्लू की मानी जाती है।
- ऐसा माना जाता है कि इनकी तपस्या एसडी प्रसन्न होकर ईश्वर ने इन्हे उलूक पक्षी के रूप में शास्त्र का उपदेश दिया।
#SPJ2
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