कनक कनक तैं सौगुनी मादकता अधिकाइ।
वा खाए बौरात है, या पाए बौराइ॥
rba
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कनक कनक ते सौ गुनी मादकता अधिकाय, या खाए बौराए जग, वा पाए बौराए। तात्पर्य है कि स्वर्ण अथवा धन के लोभ का मद ( नशा ) भांग के मद से भी सौ गुना अधिक बावरा बना देता है। भांग को खाने से नशा चढ़ता है जबकि स्वर्ण अर्थात सोने को प्राप्त करने से लालच का नशा मानव को पागल कर देता है ।
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translate in English language so I can help u make me brainliest plz
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