कनक-कनक ते सौ गुनी मादकता अधिकाय का अलंकार बताओ
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नमस्कार दोस्त ,
इसमें यमक अलंकार है यहाँ कनक दो बार आया है और दोनों का अर्थ भिन्न है
कनक - सोना
कनक - धतूरा
आशा है इससे आपकी मदद होगी ।
इसमें यमक अलंकार है यहाँ कनक दो बार आया है और दोनों का अर्थ भिन्न है
कनक - सोना
कनक - धतूरा
आशा है इससे आपकी मदद होगी ।
akhilbansal123:
धन्यवाद
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(कनक - कनक ते सौ गुनी मादकता अधिकाय)
इस पंक्ति का अर्थ है :- यहाँ एक कनक से तात्पर्य ( भांग ) से है तथा दूसरे कनक का अर्थ ( स्वर्ण ) है | कवि कहता है कि स्वर्ण अथवा धन के लोभ का मद ( नशा ) भांग के मद से भी सौ गुना अधिक बावरा बना देता है।
इन पंक्तियों में एक ही शब्द का प्रयोग दो बार किया गया है। लेकिन उन दोनों शब्दों के अर्थ अलग- अलग हैं।
इस पंक्ति में यमक अलंकार है
यमक अलंकार की परिभाषा :- एक ही शब्द दो या दो से अधिक बार आए और उसका अर्थ हर बार भिन्न-भिन्न हो वहां पर यमक अलंकार होता है।
अलंकार की परिभाषा :-
आभूषण या श्रंगार चांदी के आभूषण अर्थात सौंदर्यवर्धक गुण अलंकार कहलाते हैं | अलंकार स्वयं सौंदर्य नहीं होते, वे काव्य के सौंदर्य को बढ़ाने वाले सहायक तत्व होते हैं | अलंकारों के योग से काव्य मनोहारी बन जाता है |
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