Hindi, asked by noobmaster6, 5 months ago

कनक-कनक ते सौ गुनी मादकता अधिकाय। या खाए बौराए नर, वा पाए बौराय।

अनुप्रास अलंकार

अतिशयोक्ति अलंकार

मानवीकरण अलंकार

यमक अलंकार

Answers

Answered by pariharvikrantsingh2
16

Answer:

इसमें यमक अलंकार है।

Explanation:

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Answered by SparklingThunder
2

\huge\purple{ \underline{ \boxed{\mathbb{\red{प्रश्न : }}}}}

कनक कनक ते सौ गुनी मादकता अधिकाय । या खाए बौराए जग , वा पाए बौराए।। प्रस्तुत पंक्तियों में कौन सा अलंकार है ?

  • क ) अनुप्रास अलंकार

  • ख ) अतिशयोक्ति अलंकार

  • ग ) मानवीकरण अलंकार

  • घ ) यमक अलंकार ✔️

\huge\purple{ \underline{ \boxed{\mathbb{\red{उत्तर: }}}}}

  • यमक अलंकार

जिस काव्य में समान शब्द के अलग-अलग अर्थों में आवृत्ति हो, वहाँ यमक अलंकार होता है। यानी जहाँ एक ही शब्द जितनी बार आए उतने ही अलग-अलग अर्थ दे।

कनक कनक ते सौगुनी मादकता अधिकाय। या खाए बौराए जग , वा पाए बौराए।।

इस पद्य में ‘कनक’ शब्द का प्रयोग दो बार हुआ है। प्रथम कनक का अर्थ ‘सोना’ और दूसरे कनक का अर्थ-धतूरा है। अतः; ‘कनक’ शब्द का दो बार प्रयोग और भिन्नार्थ के कारण उक्त पंक्तियों में यमक अलंकार है।

ध्यान दें :-

इस पद्य में ‘बौराए’ शब्द का प्रयोग भी दो बार हुआ है परंतु दोनों में अर्थ समान है।

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