कनम्नकलकख् शब्दों केअथष कलखकर भदेसपष्ट करें- 2
i) कदन ii) नीड
दीन नीर
Answers
अलंकार’ शब्द का वाच्यार्थ है – ‘आभूषण’ और ‘आभूषण’ का अर्थ है- शोभा बढ़ाने वाले |
अलंकार - अलंकरोति इति अलंकार: - अर्थात् आभूषित करने वाले या शोभा बढ़ाने वाले उपादान ही अलंकार कहलाते हैं |
कवि दण्डी के शब्दों में – काव्यशोभाकरान् धर्मानालंकारान् प्रचक्षते |
अर्थात् , काव्य को शोभा प्रदान करने वाले धर्म (तत्व ) ही अलंकार हैं |
अलंकार के भेद –
1 शब्दालंकार – जहाँ पर काव्य के सौन्दर्य में शब्दों के माध्यम से वृद्धि होती है | वहाँ शब्दालंकार होता है |
2 अर्थालंकार – जहाँ काव्य के सौन्दर्य में वृद्धि अर्थ के माध्यम से होती है , वहाँ अर्थालंकार होता है |
3 उभयालंकार - जहाँ काव्य के सौन्दर्य में शब्द और अर्थ दोनों के माध्यम से वृद्धि होती है , वहाँ उभयालंकार होता है |
शब्दालंकार के भेद -
1. अनुप्रास अलंकार
2. यमक अलंकार
3. श्लेष अलंकार
4. वक्रोक्ति अलंकार
1. अनुप्रास अलंकार – जहाँ पर किसी वर्ण की आवृत्ति दो या दो से अधिक बार हो , वहाँ अनुप्रास अलंकार होता है ; जैसे –
तरनि – तनूजा तट तमाल तरुवर बहु छाये |