kandle satyagrah in hindi
satyagrah
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yes konsa satyagraha h yrr
ग्राम कंडेल में 21 दिसंबर 1920 को राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के प्रथम छत्तीसगढ़ आगमन हुअा था। बाबू रायपुर से 70 किमी की पदयात्रा कर यहां के छोटे से गांव कंडेल के किसानों ने अंग्रेजी शासन द्वारा लगाए गए सिंचाई कर के तुगलती फरमान के विरुद्ध जल नहर सत्याग्रह किया था। बाबू की इस योगदान पल को याद करने के लिए जिला प्रशासन द्वारा 21 दिसंबर को पुण्य स्मरण समारोह मनाएगी। इस मौके पर नवागांव चौक से नहर तक एवं नहर से कार्यक्रम स्थल शासकीय माशा कंडेल तक पदयात्रा सुबह 10.45 से 11.30 बजे तक होगा।
मुख्य अतिथि पद्मश्री डॉ. महादेव प्रसाद पांडे होंगे। अध्यक्षता वरिष्ठ शिक्षाविद् डॉ. सुरेश ठाकुर करेंगे। मुख्य वक्ता पं. लखनलाल मिश्र स्वतंत्रता संग्राम सेनानी शोध पीठ के अध्यक्ष डॉ. रमेन्द्रनाथ मिश्र मौजूद रहेंगे। अतिथियों द्वारा महात्मा गांधी के चित्र पर माल्यार्पण किया जाएगा। पश्चात अतिथियों का स्वागत, स्वागत गीत होगा। स्वतंत्रता सेनानियों का सम्मान, भजन, लघु नाटिका, सामूहिक नृत्य की प्रस्तुति छात्र-छात्रा द्वारा दी जाएगी।
नहर आंदोलन हुआ था कारगर साबित
सन 1920 में रायपुर से लगभग 70 किमी दूर धमतरी के छोटे से गांव कंडेल के किसानों ने अंग्रेजी शासन द्वारा लगाए गए सिंचाई कर के तुगलती फरमान के विरुद्ध जल नहर सत्याग्रह किया था। जिससे महात्मा गांधी अच्छे खासे प्रभावित हुए और किसानों का साथ देने के लिए 21 दिसंबर 1920 को धमतरी में किसान आंदोलन में शामिल हुए थे। जिससे अंग्रेजों के पसीने छूट गए, सारे गोधन संपदा जिसे अंग्रेजों ने जब्त किए थे, उसे वापस कराया। कंडेल नहर सत्याग्रह अंग्रेजों के खिलाफ बेहद कारगर कदम साबित हुआ। वापसी में गांधी ने रायपुर में एक सार्वजनिक सभा को संबोधित किया। जिस जगह में गांधी ने भाषण दिया, उस जगह को आज रायपुर में गांधी चौक के नाम से जाना जाता है।