Hindi, asked by abhiakash95, 19 days ago

kanupriya (by dharmveer Bharati) pahla geeth sammary​

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Answered by arvind0901gmailcom
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Explanation:

धर्मवीर भारती की कृति 'कनुप्रिया', कनु अर्थात कृष्ण की प्रिया राधा की अनुभूतियों की गाथा है। ऐसा लगता है जैसे धर्मवीर भारती ने नारी के अंतर्मन की एक एक परत खोल कर देखी है। इस रचना में नारी के मन की संवेदनाओं और प्यार के नैसर्गिक सौन्दर्य का अप्रतिम चित्रण है।

कनुप्रिया का प्रथम संस्करण सन 1959 में प्रकाशित हुआ था। तब से इसके दस से अधिक संस्करण प्रकाशित हो चुके हैं। इस कालजयी खण्ड काव्य के पाँच अंश, जो काव्यालय में उपलब्ध हैं, हम पाँच विभिन्न आवाज़ों में इस श्रृंखला में प्रस्तुत है। ये अंश और आवाज़ें नारी की पाँच विभिन्न अनुभूतियों के रूपक हैं। हमारे साथ आप भी अनुभव करेंगे कि इन आवाज़ों में स्वयं कनुप्रिया मुखरित हुई।

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