kanya bhrun hatya pr nibbbahd
Answers
Answer:केवल इसलिये कि जन्म लेने वाला बच्चा एक एक लड़की है, माँ के गर्भ से गर्भावस्था के 18 हफ्तों बाद स्वस्थ कन्या के भ्रूण को हटाना कन्या भ्रूण हत्या है। माता-पिता और समाज एक लड़की को उनके ऊपर एक बोझ मानते है और समझते है कि लड़कियां उपभोक्ता होती हैं जबकि लड़के उत्पादक होते हैं। प्राचीन समय से ही लड़कियों के बारे में भारतीय समाज में बहुत सारे मिथक हैं कि लड़कियां हमेशा लेती हैं और लड़के हमेशा देते हैं। वर्षों से समाज में कन्या भ्रूण हत्या की कई वजहें रहीं है। हालांकि, नियमित तरीके से उठाये गये कुछ कदमों के द्वारा इसे हटाया जा सकता है:
चिकित्सों के लिये मजबूत नीति संबंधी नियमावली होना चाहिये।
हरेक को लिंग परीक्षण को हटाने के पक्ष में होना चाहिये और समाज में लड़कियों के खिलाफ पारंपरिक शिक्षा से दूर रहना चाहिये।
दहेज प्रथा जैसी समाजिक बुराईयों से निपटने के लिये महिलाओं को सशक्त होना चाहिये।
सभी महिलाओं के लिये तुरंत शिकायत रजिस्ट्रेशन प्रणाली होनी चाहिये।
आम लोगों को जागरुक करने के लिये कन्या भ्रूण हत्या जागरुकता कार्यक्रम होना चाहिये।
एक निश्चित अंतराल के बाद महिलाओं (महिलाओं की मृत्यु, लिंग अनुपात, अशिक्षा और अर्थव्यवस्था में भागीदारी के संबंध में,) की स्थिति का मूल्यांकन होना चाहिये।
Explanation: लड़कियां घर की शान होती है मेरा मानना है लड़कियां माता-पिता की बोझ नहीं उनकी शान होती है मेरा मानना है
lcm