कपालभाति प्राणायाम के लाभ
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कपालभाति प्रणायाम के लाभ
कपालभाति प्राणायाम —
“कपालभाती” संस्कृत से दो शब्दों से मिलकर बना है। ‘कपाल‘ का अर्थ होता है मस्तक और ‘भाति’ का अर्थ होता तेज अर्थात नूर अर्थात प्रकाश।
मस्तक पर तेज।
इसका सीधा अर्थ है कि कपालभाति को नियमित रूप से करने से चेहरे पर निखार आता है। चेहरे की चमक बढती है।
कपालभाति प्राणायाम के लाभ —
ये हमारी स्मरण शक्ति को बढ़ाने में सहायक है।
ये श्वास संबंधी रोगों जैसे कि दमा आदि में लाभदायक है।
ये कफ और फेफड़े संबंधी रोगों में लाभदायक है। इस प्राणायाम को करने से फेफड़ों को शुद्ध हवा मिलती है और फेफड़ो की कार्यशीलता बढ़ती है।
चूंकि इस प्राणायाम में पेट का अच्छा व्यायाम होता है, इस कारण ये पेट संबंधी रोगों, पाचन संबंधी रोगों में लाभदायक है। ये चयापचय की क्रिया को मजबूत बनाता है।
इसको नियमित करने से पेट की चर्बी में कमी आती है।
ये मस्तिष्क को शांत करता है और अनिद्रा संबंधी विकार को दूर करता है।
इसको नियमित करने से अक्सर जल्दी-जल्दी हो जाने वाले सर्दी-जुकाम में लाभ मिलता है।
ये शरीर के रक्त परिसंचरण को ठीक करता है, आँतों को मजबूत करता है।
ये चेहरे की कांति को बढ़ाता है और नियमित करने से चेहरे के निखार में बढ़ोत्तरी होती है।
अन्य सभी प्राणायामों की तरह ये मन को तो शांत करता ही है और एकाग्रता को बढ़ाता ही है।