'कर चले हम फिदा' कविता में सैनिक को बलिदान के समय भी दुख का अनुभव क्यों नहीं होता ?
Answers
Answered by
8
➲ ‘कल चले हम फिदा’ कविता में सैनिक को बलिदान के समय भी दुख का अनुभव इसलिए नहीं होता, क्योंकि एक सच्चे सैनिक का कर्तव्य ही अपने देश रक्षा के लिए अपने प्राणों की परवाह ना करना है।
एक सच्चा सैनिक अपने देश के लिए ही जीता है और देश के लिए ही मरता है। जब आवश्यकता पड़ती है तो वह है अपनी मातृभूमि की रक्षा करने के लिए अपने प्राणों का बलिदान करने से भी नहीं चूकता। वह स्वयं को युद्ध भूमि में जाते समय वह स्वयं को मानसिक रूप से तैयार करके जाता है कि आवश्यकता पड़ने पर उसे अपने प्राण भी देने पड़ सकते हैं। इसलिए वह अपने सैन्य धर्म और देश के कर्तव्य के प्रति कर्तव्य की पवित्र भावना से भरा होता है और उसे इसी कारण अपने प्राणों का बलिदान करने में दुख का अनुभव नहीं होता।
◌◌◌◌◌◌◌◌◌◌◌◌◌◌◌◌◌◌◌◌◌◌◌◌◌◌◌◌◌◌◌◌◌◌◌◌◌◌◌◌◌◌◌◌◌◌◌◌◌◌◌◌◌◌
Similar questions
Business Studies,
5 months ago
English,
5 months ago
Science,
11 months ago
English,
11 months ago
English,
1 year ago