कर चले हम फिदा" कविता और पाठ "कारतूस" दोनों ही रचनाओं में किस तरह देश प्रेम का भाव दर्शाया गया है ? स्पष्ट कीजिए -
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दोनों रचनाओं में देश प्रेम दिखाया है | अपने देश की रक्षा के लिए लड़ने की हिम्मत और साहस दिखाई गई है |
कर चले हम फिदा" कविता, यह कविता कवि कैफ़ी आज़मी द्वारा लिखी गई है| कविता में कवि एक वीर सैनिक का अपने देशवासियों को दिए आखिरी सन्देश का वर्णन कर रहा है।
सैनिक कहते हैं कि हम तो देश के लिए बलिदान दे रहे हैं , परन्तु हमारे बाद यह मैदान कभी सूना नहीं पड़ना चाहिए। इसमें हम जैसे नौजवान मातृभूमि की रक्षा की ख़ातिर शहीद होने के लिए निरंतर आगे आते रहने चाहिए। इस जंग को जीत कर ही हम जश्न मना पाएंगे। हम ऐसी जंग में जा रहे हैं, जहाँ कभी भी मृत्यु हमें गले लगा सकती है। अब अपने अंदर से मृत्यु का डर निकाल कर सिर पर कफ़न बाँधकर मौत से मिलने के लिए तैयार हो जाओ। अपने प्यारे वतन की रक्षा तुम्हें हर हाल में करनी है। इसलिए हौसले से डट कर लड़ो साथियों, ये मेरा वतन अब तुम सभी के हवाले है। मैं अपना वतन तुम्हारे हाथों में छोड़ कर जा रहा हूँ |
पाठ "कारतूस" में भी आज़ादी की कीमत पहचानने, उसकी रक्षा करने का संदेश दिया गया है। पाठ "कारतूस" में एक व्यक्ति वजीर अली पर आधारित है। इसमे वजीर अली के साहसी कारनामो का वर्णन किया गया है। उसने अग्रेजों के सामने कभी भी हार नहीं मानी | उसने अंग्रेजों को चालाकी से उन्हें घुमाता रहा | वह एक साहसी सिपाही था |
दोनों रचनाओं में देश प्रेम दिखाया है | अपने देश की रक्षा के लिए लड़ने की हिम्मत और साहस दिखाई गई है |
I have written this answe, hope it's clear if any mistake then sorry for that!