'कर चले हम फ़िदा' कविता के आधार पर 'कट गए सर हमारे तो कुछ गम नहीं सर हिमालय का हमने न झुकाने दिया।' पंक्ति में निहित देशभक्ति के चरमोत्कर्ष को 60-70 शब्दों में स्पष्ट कीजिए ।
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¿ 'कर चले हम फ़िदा' कविता के आधार पर 'कट गए सर हमारे तो कुछ गम नहीं सर हिमालय का हमने न झुकाने दिया।' पंक्ति में निहित देशभक्ति के चरमोत्कर्ष को 60-70 शब्दों में स्पष्ट कीजिए।
✎... कर चले हम फिदा’ कविता मैं कवि कहता है कि देश की रक्षा करने में बिल्कुल तत्परता से लगे सैनिक गर्व भरी वाणी से कह रहे हैं कि जिंदा रहने के तो जीवन में बहुत से अवसर प्राप्त होते हैं, लेकिन अपने देश की रक्षा के लिए अपने प्राणों को न्यौछावर करने का अवसर बार-बार नहीं मिलता। देश की रक्षा में लगा सैनिक अपने प्राणों का बलिदान करके मरते समय अपने साथियों से कह रहा है कि हमने तो अपने प्राण देकर भी देश के सम्मान पर आँच नही आने दी। देश की रक्षा के लिये हमने बिना संकोच अपने प्राणों को न्योछावर कर दिया अब तुम्हारी बारी है, साथियों कि जब भी देश पर संकट आये तो तुम भी अपने देश की रक्षा के लिये आवश्यकता पड़ने पर अपने प्राणों को न्योछावर करने में संकोच नही करना। देश की रक्षा के लिए अपने प्राणों को न्यौछावर कर देने से जीवन की सार्थकता होती है, वह सैनिक मर कर भी अमर हो जाता है।
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Explanation:
'कर चले हम फ़िदा' कविता के आधार पर 'कट गए सर हमारे तो कुछ गम नहीं सर हिमालय का हमने न झुकाने दिया।' पंक्ति में निहित देशभक्ति के चरमोत्कर्ष को 60-70 शब्दों में स्पष्ट कीजिए ।