Hindi, asked by bharatcyber, 9 months ago

कर घर का नाम, बेटी के नाम करने
की शुरुआत की गई, जिसका काफी
अच्छा प्रभाव पड़ा। बेटियों की
महत्ता एवं उनके सम्मान में घर का
नामाकरण बेटी के नाम पर करते हुए
नाम पट्टिका को घरों में लगाए जाने
से लोगों के सोच में सकारात्मक
बदलाव देखने को मिल रहा है।
इस गतिविधि को झापानी गांव​

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Answered by mahemudkhan171
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Answer:

here is your ans

Explanation:

लखीसराय: जिले में संचालित कार्यक्रम के तहत "घर की पहचान-बेटी के नाम" एक पायलट प्रोग्राम के रूप में किया गया। जिसकी शुरुआत लखीसराय जिला अंतर्गत सूर्यगढ़ा प्रखंड के झापानी गांव में "बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ" योजना के तहत जिला प्रशासन की पहल पर आंगनबाड़ी सेविका के माध्यम से अभिभावकों को प्रेरित कर "घर का नाम, बेटी के नाम" करने की शुरुआत की गई, जिसका काफी अच्छा प्रभाव पड़ा। बेटियों की महत्ता एवं उनके सम्मान में घर का नामाकरण बेटी के नाम पर करते हुए नाम पट्टिका को घरों में लगाए जाने से लोगों के सोच में सकारात्मक बदलाव देखने को मिल रहा है। इस गतिविधि को झापानी गांव में पायलट कार्यक्रम के रूप में शुरू करने के पश्चात् जिला प्रशासन द्वारा पूरे जिले में इस अनूठे कार्यक्रम को लागू करने का निर्णय लिया गया।

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