Hindi, asked by Princerajdhdh, 1 year ago

कर्म ही पूजा है पर 100 से ज्यादा शब्द लिखें

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Answered by sagar242
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प्रायः लोग कहते हैं कि मैं तो सारे दिन काम करता हूं। मैं योग कैसे कर सकता हूं? किंतु ऐसे लोगों को मैं बताना चाहता हूं कि योग का अर्थ है लगातार अभ्यास। आध्यात्मिकता भी निरंतर अभ्यास ही है। आध्यात्मिकता का अर्थ क्या है?आध्यात्मिकता का अर्थ बहुत सरल है। आध्यात्मिकता सादगी है। तुम जितना अधिक आध्यात्मिक होगे, उतना अधिक सादगी से रहोगे, तुम्हारा जीवन उतना ही अधिक सादा होगा। 
 

कार्य हमारी चेतना के विकास के लिए एक अन्य प्रक्रिया है। हर दिन सुबह से शाम तक तुम व्यस्त रहते हो, तुम कुछ न कुछ कार्य करते हो। कार्य करना अच्छी बात है, इससे तुम्हारा जीवन सुंदर बन सकता है - बशर्ते कि तुम समझ सको कि इसे कैसे करना है। अगर तुम जान जाओ कि काम कैसे करना है तो यह कार्य तुम्हारी चेतना के विकास की एक सुंदर प्रक्रिया होगी। 

Answered by AnitaShyara
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उत्तर⤵

मनुष्य तो भगवान की पूजा करता है यह तो ठीक है इसमें कोई बुराई नहीं है लेकिन क्या कुछ मनुष्य यह जानते हैं कि "कर्म ही पूजा है" अब आप सोचेंगे कि कर्म ही पूजा कैसे हुआ? तो ईश्वर ने स्वयं कहा है कि अगर आप कर्म अच्छे करते हो तो आपको भगवान की पूजा करने की कोई जरूरत नहीं है क्योंकि अच्छे कर्म से बढ़कर कोई बड़ा पूजा नहीं होता हैI इस पूरे धरती पर सबसे बड़ा पूजा है अच्छे कर्म करना अगर आप अच्छे कर्म करते हो तो सबसे बड़ी पूजा करते होI इसलिए भगवान की पूजा करने की जरूरत नहीं है क्योंकि जिस समय आप अच्छे कर्म करते हो आपकी पूजा उसी समय होती है और जो लोग अच्छे कर्म नहीं करते हैं बुरे कर्म करते हैं अब वह पूजा भी करते हैं भगवान की पूजा भी करते हैंI तो उसका कोई अर्थ नहीं हुआ उन्हें फल नहीं मिलेगा उन्हें फल मिलेगा बुरे फल भी बुरा मिलेगाI वह दूसरों के साथ गलत करेंगे तो उनके साथ गलत होगाI अब आप अच्छे कर्म करो और पूजा ना करो तो यह भी मंजूर है क्योंकि पूजा तो आप उसी वक्त करते हो जब आप अच्छे कर्म करते हो और अगर आप अच्छे कर्म नहीं करते और लेकिन भगवान की पूजा करते हो तो आपकी पूजा का कोई अर्थ नहीं आपकी पूजा बेकार है अच्छे कर्म करो और अच्छे फल पाऊंI

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