Hindi, asked by debi123494, 4 months ago

कर्म कारक और संप्रदान कारक में अंतर स्पष्ट कीजिए.​

Answers

Answered by shraddhad524
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Answer:

कर्म कारक=

कार्य जिस पर हो रहा होता है, वह कर्म कहलाता है। इसका हिन्दी पर्याय ‘को’ है। यह चिह्न भी बहुत-से स्थानों पर नहीं लगता। कार्य का फल अर्थात प्रभाव जिस पर पड़ता है, उसे कर्म कारक कहते हैं;जैसे – राम ने आम को खाया। इस वाक्य में ‘आम’ कर्म है, क्योंकि राम के कार्य (खाने) का प्रभाव आम पर पड़ा है।

संप्रदान कारक=

संप्रदान का अर्थ है-देना। अर्थात कर्ता जिसके लिए कुछ कार्य करता है, अथवा जिसे कुछ देता है उसे व्यक्त करने वाले रूप को संप्रदान कारक कहते हैं। इसका हिन्दी पर्याय ‘के लिए’ है। जिसके लिए कोई कार्य किया जाए, उसे संप्रदान कारक कहते हैं। जैसे – मैं दिनेश के लिए चाय बना रहा हूँ। इस वाक्य में ‘दिनेश’ संप्रदान अवस्था में है, क्योंकि चाय बनाने का काम दिनेश के लिए किया जा रहा।

1.स्वास्थ्य के लिए सूर्य को नमस्कार करो। 2.hitesh'गुरुजी को फल दो।

Answered by Anonymous
0

Answer:

karm karak aur sampradan karak

Explanation:

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