कर्म वाच्य के कितने प्रकार होते है
Answers
Answer:
वाच्य तीन प्रकार के होते हैं कर्तृवाच्य, कर्मवाच्य, भाववाचक।
1. कर्तृवाच्य :–
जिस वाक्य में कर्ता मुख्य हो और क्रिया कर्ता के लिंग, वचन एवं पुरूष के अनुसार हो, उसे कर्तृवाच्य कहते है।
जैसे –
a) लड़किया बाजार जा रही है।
b) मै रामायण पढ़ रही है।
c) कुमकुम खाना खाकर सो गई।
इन वाक्यों में जा रही है, पढ़ रहा हूँ, सो गई ये सभी क्रियाएं कर्ता के अनुसार आई है।
2. कर्मवाच्य :–
जिस वाक्य में कर्म मुख्य हो तथा इसकी सकर्मक क्रिया के लिंग, वचन व पुरूष कर्म के अनुसार हो, उसे कर्मवाच्य कहते हैं।
जैसे –
a) लड़कियों द्वारा बाजार जाया जा रहा है।
b) मेरे द्वारा रामायण पढ़ी जा रही है।
c) वर्षा से पुस्तक पढ़ी गई।
इन वाक्यों में पढ़ी जा रहीं है, पढी गई क्रियाएं कर्म के लिंग, वचन, पुरूष के अनुसार आई है।
3. भाववाच्य :–
जिस वाक्य में अकर्मक क्रिया का भाव मुख्य हो, उसे भाववाच्य कहते हैं |
जैसे –
a) हमसे वहाँ नहीं ठहरा जाता।
b) उससे आगे क्यों नहीं पढ़ा जाता। ‘
c) मुझसे शोर में नहीं सोया जाता।
इन वाक्यों में ठहरा जाता, पढ़ा जाता और सोया जाता क्रियाएं भाववाच्य की है।