कर्मनिष्ठ डाकिया ' पर सचित्र अनुच्छेद लिखिए
sreenilakshmi:
Illustrated article on "hardworking mailman "
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पोस्टमैन (डाकिया) पर अनुच्छेद
प्रस्तावना:
पोस्टमैन बड़ा उपकारी जन-सेवक है । वह डाक-विभाग का कर्मचारी होता है । वह हमारे लिए दूर-दूर के संदेश लाता है । हम सभी उसे देख कर प्रसन्न हो उठते हैं । युवा उसका स्वागत करते हैं और बच्चे तो अकरर खुशी से झूम उठते हैं ।
वह बहुत साधारण-सा सरकारी नौकर होता है, लेकिन समाज के लिए उसका बहुत महत्त्व है । वह जनता के सभी वर्गो के संपर्क में आता है, इसलिए वह सभी का चहेता होता है ।
उसका रूप-रंग और पोशाक:
जब पोस्टमैन डाक लेकर अपनी ड्यूटी पर निकलता है, तो दूर से ही भिन्न किस्म का अनदेखा व्यक्ति लगता है । अक्सर उसके बायें कंधे पर एक बड़ा-सा थैला लटकता रहता है जिसमे पत्र, पार्सल और मनीऑर्डर आदि होते है । एक हाथ में साधारण पत्र आदि व दूसरे में रजिस्ट्री पत्र होते हैं । उस समय वह लदलू-टट्टू सा लगता है ।
पोस्टमैन की पोशाक भी अनोखी होती है । वह रहाकी कोट पहनता है और लाल पट्टी के साथ बड़ी पगड़ी पहनता है । अक्सर उसकी पोशाक अस्त-व्यस्त और ढीली-ढाली होती है । पोशाक से ऐसा लगता है वह बहुत परेशान और जल्दी में है ।
वह इतना व्यस्त होता है कि उसे किसी से बात करने तक की फुरसत नहीं होती । अपने कठिन काम से वह पूरी तरह थक कर निढाल हो जाता है । उसकी अस्त-व्यस्त पोशाक देखकर स्पष्ट हो जाता है कि वह इतना निर्धन है कि न ठीक से भोजन पा पाता है, न ठीक कपड़े पहन सकता है और न रहने की ठीक व्यवस्था ही हो पाती होगी ।
उसका व्यवहार:
जहाँ-कहीं भी पोस्टमैन जाता है, लोग उसका स्वागत करते हैं । उसके अच्छे व्यवहार के कारण उसे आते देख हम सब खुश हो उठते हैं । वह हमेशा नम्रता और शिष्टता का व्यवहार करता है । वह सदैव विनयशील और सभ्य होता है । वह अमीर और गरीब तथा उच्च और निम्न वर्ग के बीच कोई भेदभाव नहीं करता । वह कभी पूरन नहीं लेता और इस तरह भ्रष्टाचार से सदैव दूर रहता है ।
उसके कर्त्तव्य और उत्तरदायित्व:
पोस्टमैन, के कर्त्तव्य बड़े कठिन होते हैं । उसे प्रतिदिन सुबह जल्दी उठकर डाकखाने जाना पड़ता है । वही वह अपने इलाके की डाक के ढेर को छाटकर सिलसिलेवार लगाता है इसके बाद वह खाना खाने के लिए अपने घर चला जाता है और खाना खाकर फौरन ही अपने काम पर निकल पड़ता है ।
वह घर-घर जाकर लोगों कोई डाक बाटता है । ज्यों-ज्यो वह आगे बढता जाता है, उसका बोझ कम होता जाता है । कभी-कभी उसे काफी दूर तक चलना पडता है । वह किसी को पत्र देता है, किसी को पार्सल पहूँचाता है तथा किसी अन्य व्यक्ति को मनीऑर्डर देता है । अपने इलाके के दौरा पूरा करने के बाद उसका थैला लगभग खाली हो जाता है ।
पत्रों और पार्सलों के अलावा उस्ने भारी रकम के मनीऑर्डर भी बाटने पड़ते हैं । कभी-कभी बीमा शुदा पार्सलों में कीमती वस्तुये होती हैं । इन्हे बाँटने मेन उसे बड़ी सावधानी बरतनी पड़ती है, क्योंकि इनके गलत हाथो में पड़ जाने का अधिक खतरा होता है ।
उसे कई भाषाओं का काम चलाऊ ज्ञान होता है, क्योंकि विभिन्न भाषाओं में लिखे नाम और पते पढ़कर ही वह डाक बाट सकता है । यदि डाक पर गलत पता हो अथवा नाम-पता साफ-साफ न लिखा हो उसे बड़ी दिक्कत होती है ।
इन सब कठिनाइयों के होते हुए भी वह अपना कर्तव्य बडी ईमानदारी और कुशलता से निभाता है । वह अपने काम में न तो तपते सूरज की परवाह करता है और न घनघोर वर्षा की ही । कड़कड़ाती सर्दी भी उसे प्रभावित नहीं कर पाती । उसके काम पर मौसम और ऋतुओं का कोई प्रभाव नहीं पड़ता ।
किसी पत्र, पार्सल या मनीआर्डर के खो जाने पर उसे हर्जाना भरना पड़ता है । यदि डाक बांटने में देरी हो जाये, तो उस पर जवाब देही हो जाती है । गलत आदमी के हाथ में डाक पहुँचने पर उसकी नौकरी पर ऑच आती है मनीऑर्डरो की रकम और कीमती पार्सलों के लिए उसे जान-जोखिम में डालनी पड़ती है ।
संदेशवाहक:
हर व्यक्ति बड़ी उत्सुकता से उसकी प्रतीक्षा करता है । वह तरह-तरह के समाचार लाता है । कुछ लोगो को बुरी खबरे मिलती हैं, तो कुछ अन्य को बधाईयां मिलती हैं तथा खुशी के संदेश मिलते हैं ।
मित्रों और सम्बन्धियों के बीच की कड़ी:
पोस्टमैन दूर-दूर रहने वाले मित्रों और रिस्तेदारों को जोड़ने में कड़ी का काम करता है । अपनी शीघ्र और नियमित सेवा से वह मित्रों और रिश्तेदारों के बीच संपर्क कायम रखता है और एका-दूसरे के समाचारसे से अवगत कराता है ।
इसी प्रकार व्यापारी वर्ग भी उसकी सेवा से लाभ उठाता है । उसे दूर-दूर की मण्डियों के ताजा भाव पता लगते हैं और अपने माल को आसानी से दूर-दूर के ग्राहकों को पहूँचाता है । अक्सर त्योहारों पर वे पोस्टमैन को उसकी अच्छी सेवा के बदले में कुछ उपहार देते हैं ।
उपसंहार:
पोस्टमैन बड़ा कठिन जीवन बिताता है । उसे बहुत कम वेतन मिलता है । उसे बहुत कम छुट्टियाँ मिलती है तथा आराम करने को बहुत कम समय मिल पाता है । सरकार को उसका वेतन बढाना चाहिए तथा काम के बोझ को कम करना चाहिए । इस तरह डाक विभाग को उसके तथा उसके परिवार के जीवन को सुधारने का प्रयत्न करना चाहिए ।
प्रस्तावना:
पोस्टमैन बड़ा उपकारी जन-सेवक है । वह डाक-विभाग का कर्मचारी होता है । वह हमारे लिए दूर-दूर के संदेश लाता है । हम सभी उसे देख कर प्रसन्न हो उठते हैं । युवा उसका स्वागत करते हैं और बच्चे तो अकरर खुशी से झूम उठते हैं ।
वह बहुत साधारण-सा सरकारी नौकर होता है, लेकिन समाज के लिए उसका बहुत महत्त्व है । वह जनता के सभी वर्गो के संपर्क में आता है, इसलिए वह सभी का चहेता होता है ।
उसका रूप-रंग और पोशाक:
जब पोस्टमैन डाक लेकर अपनी ड्यूटी पर निकलता है, तो दूर से ही भिन्न किस्म का अनदेखा व्यक्ति लगता है । अक्सर उसके बायें कंधे पर एक बड़ा-सा थैला लटकता रहता है जिसमे पत्र, पार्सल और मनीऑर्डर आदि होते है । एक हाथ में साधारण पत्र आदि व दूसरे में रजिस्ट्री पत्र होते हैं । उस समय वह लदलू-टट्टू सा लगता है ।
पोस्टमैन की पोशाक भी अनोखी होती है । वह रहाकी कोट पहनता है और लाल पट्टी के साथ बड़ी पगड़ी पहनता है । अक्सर उसकी पोशाक अस्त-व्यस्त और ढीली-ढाली होती है । पोशाक से ऐसा लगता है वह बहुत परेशान और जल्दी में है ।
वह इतना व्यस्त होता है कि उसे किसी से बात करने तक की फुरसत नहीं होती । अपने कठिन काम से वह पूरी तरह थक कर निढाल हो जाता है । उसकी अस्त-व्यस्त पोशाक देखकर स्पष्ट हो जाता है कि वह इतना निर्धन है कि न ठीक से भोजन पा पाता है, न ठीक कपड़े पहन सकता है और न रहने की ठीक व्यवस्था ही हो पाती होगी ।
उसका व्यवहार:
जहाँ-कहीं भी पोस्टमैन जाता है, लोग उसका स्वागत करते हैं । उसके अच्छे व्यवहार के कारण उसे आते देख हम सब खुश हो उठते हैं । वह हमेशा नम्रता और शिष्टता का व्यवहार करता है । वह सदैव विनयशील और सभ्य होता है । वह अमीर और गरीब तथा उच्च और निम्न वर्ग के बीच कोई भेदभाव नहीं करता । वह कभी पूरन नहीं लेता और इस तरह भ्रष्टाचार से सदैव दूर रहता है ।
उसके कर्त्तव्य और उत्तरदायित्व:
पोस्टमैन, के कर्त्तव्य बड़े कठिन होते हैं । उसे प्रतिदिन सुबह जल्दी उठकर डाकखाने जाना पड़ता है । वही वह अपने इलाके की डाक के ढेर को छाटकर सिलसिलेवार लगाता है इसके बाद वह खाना खाने के लिए अपने घर चला जाता है और खाना खाकर फौरन ही अपने काम पर निकल पड़ता है ।
वह घर-घर जाकर लोगों कोई डाक बाटता है । ज्यों-ज्यो वह आगे बढता जाता है, उसका बोझ कम होता जाता है । कभी-कभी उसे काफी दूर तक चलना पडता है । वह किसी को पत्र देता है, किसी को पार्सल पहूँचाता है तथा किसी अन्य व्यक्ति को मनीऑर्डर देता है । अपने इलाके के दौरा पूरा करने के बाद उसका थैला लगभग खाली हो जाता है ।
पत्रों और पार्सलों के अलावा उस्ने भारी रकम के मनीऑर्डर भी बाटने पड़ते हैं । कभी-कभी बीमा शुदा पार्सलों में कीमती वस्तुये होती हैं । इन्हे बाँटने मेन उसे बड़ी सावधानी बरतनी पड़ती है, क्योंकि इनके गलत हाथो में पड़ जाने का अधिक खतरा होता है ।
उसे कई भाषाओं का काम चलाऊ ज्ञान होता है, क्योंकि विभिन्न भाषाओं में लिखे नाम और पते पढ़कर ही वह डाक बाट सकता है । यदि डाक पर गलत पता हो अथवा नाम-पता साफ-साफ न लिखा हो उसे बड़ी दिक्कत होती है ।
इन सब कठिनाइयों के होते हुए भी वह अपना कर्तव्य बडी ईमानदारी और कुशलता से निभाता है । वह अपने काम में न तो तपते सूरज की परवाह करता है और न घनघोर वर्षा की ही । कड़कड़ाती सर्दी भी उसे प्रभावित नहीं कर पाती । उसके काम पर मौसम और ऋतुओं का कोई प्रभाव नहीं पड़ता ।
किसी पत्र, पार्सल या मनीआर्डर के खो जाने पर उसे हर्जाना भरना पड़ता है । यदि डाक बांटने में देरी हो जाये, तो उस पर जवाब देही हो जाती है । गलत आदमी के हाथ में डाक पहुँचने पर उसकी नौकरी पर ऑच आती है मनीऑर्डरो की रकम और कीमती पार्सलों के लिए उसे जान-जोखिम में डालनी पड़ती है ।
संदेशवाहक:
हर व्यक्ति बड़ी उत्सुकता से उसकी प्रतीक्षा करता है । वह तरह-तरह के समाचार लाता है । कुछ लोगो को बुरी खबरे मिलती हैं, तो कुछ अन्य को बधाईयां मिलती हैं तथा खुशी के संदेश मिलते हैं ।
मित्रों और सम्बन्धियों के बीच की कड़ी:
पोस्टमैन दूर-दूर रहने वाले मित्रों और रिस्तेदारों को जोड़ने में कड़ी का काम करता है । अपनी शीघ्र और नियमित सेवा से वह मित्रों और रिश्तेदारों के बीच संपर्क कायम रखता है और एका-दूसरे के समाचारसे से अवगत कराता है ।
इसी प्रकार व्यापारी वर्ग भी उसकी सेवा से लाभ उठाता है । उसे दूर-दूर की मण्डियों के ताजा भाव पता लगते हैं और अपने माल को आसानी से दूर-दूर के ग्राहकों को पहूँचाता है । अक्सर त्योहारों पर वे पोस्टमैन को उसकी अच्छी सेवा के बदले में कुछ उपहार देते हैं ।
उपसंहार:
पोस्टमैन बड़ा कठिन जीवन बिताता है । उसे बहुत कम वेतन मिलता है । उसे बहुत कम छुट्टियाँ मिलती है तथा आराम करने को बहुत कम समय मिल पाता है । सरकार को उसका वेतन बढाना चाहिए तथा काम के बोझ को कम करना चाहिए । इस तरह डाक विभाग को उसके तथा उसके परिवार के जीवन को सुधारने का प्रयत्न करना चाहिए ।
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