History, asked by karishma6247, 5 months ago

कर्मण्येवाधिकारस्ते मा फलेषु कदाचन ।

भावार्थ : तेरा कर्म करने में ही अधिकार है, उसके फलों में कभी नहीं। इसलिए तू कर्मों के फल हेतु मत हो तथा तेरी कर्म न करने में भी आसक्ति न हो ll ​

Answers

Answered by riddhimatiwari2307
1

Answer:

keep stop telling gf and bf

Explanation:

ok.....iiiiiji

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